PM नरेंद्र मोदी में भारतीयों का विश्वास स्तर पिछले 2 वर्षों में बढ़कर तीन चौथाई से अधिक या 76.3% हो गया है। एक सर्वे के अनुसार, देशभर में मोदी की रेटिंग 2018 की तुलना में बहुत ज्यादा बढ़ी है, जब 58.6% लोगों ने उनके नेतृत्व में बहुत विश्वास व्यक्त किया था। यह शानदार रेटिंग ऐसे समय में आई है, जब भारत Coronavirus से जूझ रहा है और PM मोदी के प्रबंधन की देश के भीतर और विश्व स्तर पर भी प्रशंसा हो रही है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने Coronavirus पर अंकुश लगाने के लिए पूरे भारत में Lockdown लागू करने के मोदी सरकार के फैसले की सराहना की है। WHO ने कहा था कि वह COVID-19 को रोकने के लिए भारत के समय पर उठाए गए कदमों और कठिन कार्यो की सराहना करता है।
इसने कहा था कि संख्या के बारे में बात करना अभी जल्दबाजी हो सकती है, लेकिन राष्ट्रव्यापी Lockdown के अलावा आइसोलेशन और कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्को का पता लगाने से वायरस का प्रसार रोकने में जरूर सफलता मिली। 2018 में 16.3% लोग ऐसे थे, जिनका मोदी पर कोई भरोसा नहीं था। अब ऐसे लोगों की संख्या घटकर महज 6.5% रह गई है।
कुछ दिनों पहले हुए एक सर्वे में पाया गया कि COVID-19 की महामारी से निपटने के लिए केंद्र की मोदी सरकार की कोशिशों में लोगों का यकीन बरकरार है। यही नहीं, लोगों के अनुमोदन रेटिंग में बढ़ोतरी जारी है। गवर्नमेंट इंडेक्स के लिहाज से देखें तो मौजूदा वक्त में 93.5% लोगों का मानना है कि PM नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली सरकार कोरोना के प्रकोप को थामने के लिए प्रभावी ढंग से काम कर रही है और इस महामारी को वह बेहतर तरीके से निपट लेगी।
16 मार्च से 20 अप्रैल के बीच किए गए इस सर्वे में एक और खास बात पता चली है। पाया गया है कि भविष्य की योजना बनाने वाले लोगों की संख्या में इजाफा हुआ है। तैयारी का सूचकांक (Index of Preparedness) में पाया गया है कि लोग राशन और दवाइयों की खरीद के लिए अलग से धन रख रहे हैं। सर्वे में 20 अप्रैल तक 42.9% उत्तरदाताओं ने बताया है कि उन्होंने तीन हफ्ते से अधिक समय तक के राशन और दवाओं का स्टॉक किया है। वहीं 56.9% लोगों ने बताया कि उन्होंने दो हफ्ते से कम का स्टॉक किया है। सर्वे में एक हफ्ते से भी कम समय के लिए तैयारी करने वालों की संख्या केवल 12.1% है। इस सर्वे का सैम्पल साइज (sample size) 4,718 लोगों का था।
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में पिछले एक महीने में तैयारी का सूचकांक (Index of Preparedness) तेजी से बढ़ा है। हालांकि, आत्मसंतुष्टि का सूचकांक (Index of Complacency) नीचे चला गया है। हालांकि महामारी से निपटने के सरकारों की कोशिशों में लोगों का यकीन बरकरार है। मालूम हो कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बीते दिनों PM मोदी ने कोरोना वॉरियर्स का हौसला बढ़ाने के लिए दो बार जनता से अपील की थी। उनकी अपील पर लोगों ने 22 मार्च को ताली, थाली और घंटे बजाए थे, जबकि दूसरी बार 5 अप्रैल को रात 9 बजे 9 मिनट के लिए मोमबत्तियां, टॉर्च, फ्लैश लाइटें जलाए थे।