राजस्थान में जारी राजनीतिक घमासान अब सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा है। बता दें विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। जोशी ने सचिन पायलट और कांग्रेस के 18 अन्य बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही 24 जुलाई तक टालने के हाई कोर्ट के निर्देश के खिलाफ याचिका दायर की है। वहीं दूसरी ओर सचिन पायलट खेमे ने भी शीर्ष अदालत में कैविएट दाखिल कर कहा है कि हमारा पक्ष सुने बिना आदेश जारी नहीं करें। आज इस मामले की सुनवाई जस्टिस अरूण मिश्रा, जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ करेगी।
बता दें अपनी याचिका में सीपी जोशी ने कहा कि न्यायपालिका से कभी भी यह अपेक्षा नहीं की गयी थी कि वो ऐसे मामलों में हस्तक्षेप करेगी, जिससे संवैधानिक गतिरोध पैदा हो। विधानसभा अध्यक्ष ने राजस्थान हाई कोर्ट के 21 जून के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने का अनुरोध करते हुये कहा है कि ये सुनिश्चित करना शीर्ष अदालत का कर्तव्य है कि संवैधानिक प्राधिकारी अपनी अपनी सीमाओं में रहते हुए अपने अधिकारों का इस्तेमाल करें और संविधान में प्रदत्त ‘लक्ष्मण रेखा’ का पालन करें।
इस मामले पर बीते मंगलवार को हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा था कि वो 19 विधायकों की याचिका पर 24 जुलाई को उचित आदेश सुनायेगा। इस याचिका में विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों को जो अयोग्य ठहराए जाने संबंधी नोटिस भेजे थे, उसे चुनौती दी है। अदालत ने अध्यक्ष से अयोग्यता की कार्यवाही 24 जुलाई तक टालने को कहा था।
आपको बता दें कि कांग्रेस ने पार्टी व्हिप की अवज्ञा करने को लेकर विधायकों को राजस्थान विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित करने के लिये विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत की थी। इसी शिकायत पर अध्यक्ष ने बागी विधायकों को नोटिस जारी किए थे। वहीं दूसरी ओर सचिन पायलट गुट के समर्थक विधायकों की दलील है कि पार्टी का व्हिप तभी लागू होता है जब विधानसभा का सत्र चल रहा हो।
बता दें इसके साथ ही कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष को दी गई अपनी शिकायत में पायलट और अन्य असंतुष्ट विधायकों के खिलाफ संविधान की 10वीं अनुसूची के पैराग्राफ 2(1)(ए) के तहत कार्रवाई करने की मांग की है। सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत करने के बाद कांग्रेस ने सचिन पायलट को उप मुख्यमंत्री पद और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया है।