भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने चंद्रयान 2 के लिए देश और दुनिया से मिले समर्थन का धन्यबाद किया है। इसरो ने ट्वीट कर लिखा है, ‘हमारे साथ खड़ा होने के लिए धन्यवाद। हम दुनिया भर में भारतीयों की आशाओं और सपनों से प्रेरित होकर आगे बढ़ते रहेंगे।’
इसरो ने पोस्ट में एक फोटो भी शेयर की। इसमें चांद के सामने एक व्यक्ति एक चट्टान से दूसरी ऊंची चट्टान पर छलांग लगाता नजर आ रहा है। दरअसल, विक्रम से संपर्क के लिए इसरो के पास अब सिर्फ 3 दिन ही शेष रह गए हैं। 20-21 सितंबर को चंद्रमा पर रात होते ही उससे दोबारा संपर्क साधने की उम्मीद लगभग खत्म हो जाएगी।
इसरो का यह ट्वीट चंद्रयान-2 की चांद पर लैंडिंग की कोशिश के 11 दिन बाद आया। 7 सितंबर को चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम की चांद पर हार्ड लैंडिंग हुई थी। तब सतह को छूने से सिर्फ 2.1 किमी पहले लैंडर का इसरो से संपर्क टूट गया था। इसरो के अधिकारियों की तरफ से कहा गया था कि लैंडिंग के दौरान विक्रम गिरकर तिरछा हो गया है, लेकिन टूटा नहीं है। वह सिंगल पीस में है और उससे संपर्क साधने की पूरी कोशिशें जारी हैं।
इसरो के अधिकारी ने बताया कि चंद्रयान के ऑर्बिटर का वजन 2,379 किलोग्राम है और इसे एक साल की लाइफ के हिसाब से डिजाइन किया गया है। इसे लेकर जाने वाले रॉकेट की परफॉर्मेंस की वजह से इसमें मौजूद अतिरिक्त फ्यूल सुरक्षित है। ऐसे में ऑर्बिटर की लाइफ अगले 7 साल होगी।