LAC: तनाव के बीच भारत-चीन के कोर कमांडर स्तर की तीसरे दौर की बैठक आज

पिछले कई दौर की बैठक के बाद भी भारत चीन सीमा पर तनाव कम नहीं हो रहा है। आज एक बार फिर से भारत के बुलावे पर दोनों देशों के कोर कमांडर स्तर की तीसरे दौर की बैठक होनी है। बता दें इससे पहले दोनों मीटिंग चीन के आमंत्रण पर आयोजित की गई थीं। आज होने वाली मीटिंग वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत की तरफ लद्दाख के चुशुल में सुबह 10.30 बजे शुरू होगी।
भारत की तरफ से प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह करेंगे। जबकि चीन की तरफ से पीएलए सेना के दक्षिणी शिंचियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक के कमांडर, मेजर जनरल लियु लिन करेंगे। इससे पहले भी ये दोनों कमांडर 6 जून और 22 जून को मुलाकात कर चुके हैं।‌ सूत्रों की माने तो इस मीटिंग का मुद्दा सीमा पर डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया को लागू करने, डिएसक्लेट यानि तनाव कम करने और स्टेटस-कयो लागू करना है। क्योंकि 22 जून को हुई कोर कमांडर्स मीटिंग में भी दोनों देश डिसइंगेजमेंट यानि सैनिकों को विवादित इलाकों से पीछे करने पर तैयार तो हो गए थे, लेकिन दोनों देशों की सेनाएं अभी तक एक इंच भी पीछे नहीं हुई हैं।

आज होने वाली मीटिंग का पूरा फोकस LAC पर जो परिस्थितियां और सैनिकों की तैनाती अप्रैल महीने के आखिर और मई महीने के शुरूआत में थी उसे लागू किया जाना होगा। इसके साथ ही फिंगर एरिया 4-8 के बीच जो चीनी सैनिकों ने बड़ी तादाद में जमावड़ा किया और और हेलीपैड सहित डिफेंस इंफ्रास्टक्रचर को खत्म किया जाना मुख्य तौर से भारत का मुद्दा होगा। आज की मीटिंग इसलिए भी खास है क्योंकि आज की मीटिंग भारत के बुलावे पर हो रही है ऐसी स्थिती में चीन अपने मुद्दों को पहले मीटिंंग की टेबल पर रखेगा और उसके बाद भारतीय सेना अपने मुद्दे चीन के सामने रखेगी।

आपको बता दें इससे पहले हुई बैठक करीब 11 घंटे चली थी। बैठक में भारत की तरफ से लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने बैठक का नेतृत्व किया था, तो चीन की तरफ से मेजर जनरल लियु लिन बैठक में शामिल हुए थे। गलवान घाटी में खूनी झड़प के बाद दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच ये बड़ी बातचीत हुई थी। इसका मकसद एलएसी पर पहले वाली स्थिति को बनाए रखना था। इसके साथ ही गलवान जैसी घटना भविष्य में न हो, इसके लिए भी दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों की ओर से बातचीत की गई थी। बीते 6 जून के एग्रीमेंट पर भी बात हुई थी, जिसमें तय हुआ था कि चीन अपनी सेना को एलएसी से पीछे ले जाएगी। लद्दाख सीमा पर 4 मई के बाद के मिलिट्री पोजिशन से चीनी सेना को हटने के लिए कहा गया था। पिछले दो महीने से भारत और चीन की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर टकराव बना हुआ है। गलवान घाटी में हुई हिंसक संघर्ष में भारतीय सेना के कमांडिंग ऑफिसर सहित कुल 20 सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए थे। इस झड़प में चीन को भी दोगुना नुकसान हुआ था।

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