रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Vladimirovich Putin) ने शुक्रवार को कहा कि भारत और चीन ने यूक्रेन को लेकर ‘शांतिपूर्ण वार्ता’ का समर्थन किया है। पिछले महीने उज्बेकिस्तान में एक शिखर सम्मेलन युद्ध को लेकर भारत और चीन के नेताओं ने पुतिन के साथ मतभेद प्रकट किया था। उसके करीब एक महीने बाद कजाखिस्तान की राजधानी अस्ताना में एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए पुतिन ने कहा कि यूक्रेन बातचीत के लिए तैयार नहीं है। कैदियों के आदान-प्रदान के लिए तुर्के के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन को उनकी भूमिका के लिए धन्यवाद दिया।
जो बाइडन के साथ बातचीत की कोई जरूरत नहीं
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Vladimirovich Putin) का कहना है कि उनके आदेश के मुताबिक 3 लाख अतिरिक्त सैनिकों की भर्ती को 2 सप्ताह में पूरा कर लिया जाएगा। पुतिन का कहना है कि रूस के साथ नाटो सैनिकों के किसी भी सीधे संघर्ष से ‘वैश्विक तबाही’ होगी। मुझे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ बातचीत की ‘कोई जरूरत नहीं’ देखी है। मैंने अब तक इंडोनेशिया के बाली में अगले महीने G 20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने का फैसला नहीं लिया है।
इस बीच बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको ने रूस को विश्व व्यवस्था से दरकिनार करने की कोशिशों को लेकर पश्चिमी देशों को आगाह किया है। कहा, किसी को नहीं भूलना चाहिए कि रूस के पास परमाणु हथियारों का बड़ा भंडार है और वह भंडार विशेष कारण से तैयार किया गया है। बेलारूस की सत्ता पर 28 साल से काबिज लुकाशेंको को रूसी राष्ट्रपति पुतिन का खास सहयोगी माना जाता है।
नाटो देश करेंगे परमाणु हथियारों के साथ अभ्यास
यूक्रेन में रूस के परमाणु हमले के पैदा हुए खतरे के बीच नाटो (Nato) के सदस्य देशों की सेनाएं सोमवार को बेल्जियम, उत्तर सागर और कई अन्य स्थानों पर परमाणु हथियारों के हमले और उससे बचाव का अभ्यास करेंगी। इस अभ्यास में अमेरिका के अत्याधुनिक बी-52 बमवर्षक विमानों सहित कुल 60 विमान हिस्सा लेंगे।