भारत चीन तनाव के बाद 59 चीनी ऐप्स पर किए गए डिजिटल स्ट्राइक का असर अब दिखना शुरू हो गया है। इस डिजिटल स्ट्राइक का सबसे बड़ा असर चीन की मोबाइल कंपनियों पर पड़ा है। ओप्पो, वीवो और रियलमी जैसे चीनी ब्रांड्स को भारी नुकसान हो रहा है। आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल-जून 2020 की तिमाही के दौरान चीनी मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनियों की बाज़ार हिस्सेदारी में 9% की जबरदस्त गिरावट आई है। इसके साथ ही चीनी टेलीकॉम उपकरण बनाने वाली कंपनियों पर भी इसका असर दिखना शुरू हो गया है। हुआवे और ZTE को भारत में नया कारोबार नहीं मिल रहा। पहले जहां कंपनी ने 70-80 करोड़ डॉलर का राजस्व लक्ष्य रखा था, वहीं अब मात्र 35-50 करोड़ की ही उम्मीद है। ऐसे में ज़ाहिर तौर पर चीनी टेलीकॉम कंपनियों को भी भारतीय बाजार से बड़ा नुकसान हो रहा है।
आपको बता दें काउंटर पॉइंट रिसर्च की हालिया रिपोर्ट की माने तो, जनवरी से मार्च 2020 के बीच चीनी कंपनियों की बाजार में हिस्सेदारी 81 फीसदी थी। तो वहीं अप्रैल से जून कि तिमाही के दौरान चीनी मोबाइल फोन निर्माता कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी घटकर 72 फ़ीसदी पर आ गई है। चीनी मोबाइल फोन निर्माता कंपनियों को सीधे 9 फ़ीसदी बाजार हिस्सेदारी का नुकसान हुआ है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि चीनी कंपनियों को आने वाले दिनों में अभी और नुकसान उठाना पड़ सकता है।
इसके साथ ही दूसरी तरफ भारतीय हैंडसेट निर्माता कंपनियां इसका पूरा फायदा उठाने के लिए अपनी रणनीति तैयार करने में जुट गई हैं। भारत की लावा इंटरनेशनल लिमिटेड के संस्थापक एस एन राय का कहना है कि कंपनी आने वाले तीन से चार महीनों के दौरान 3-4 नए स्मार्टफोन भारतीय बाजार में लॉन्च करने जा रही हैं। ये सभी स्मार्टफोन 100 फ़ीसदी भारत में ही डिजाइन और उत्पादित होंगे। साथ ही कंपनी बड़े पैमाने पर लोगों को नौकरियां देने और निवेश करने की दिशा में भी लगातार काम कर रही हैं।