भारतीय वायुसेना ने जिस तरह से पुलवामा में CRPF काफिले पर आतंकी हमले का बदला लेने के लिए एयर स्ट्राइक की थी, वैसे ही एयर स्ट्राइक संसद हमले और मुंबई आतंकी हमले के वक्त भी करना चाहती थी। उस वक्त की सरकार ने इसकी इजाजत नहीं दी थी। यह खुलासा पूर्व वायुसेना चीफ बीएस धनोआ ने किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पूर्व वायुसेना प्रमुख ने मुंबई के वीरमाता जिजाबाई टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट में एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि संसद हमले और मुंबई में हुए 26/11 के हमले के बाद एयरफोर्स पूरी तरह एयर स्ट्राइक करने को तैयार थी लेकिन सरकार ने वायुसेना के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा कि मुंबई हमले के बाद हम जानते थे कि पाकिस्तान में आतंकी ठिकाने कहां हैं। पाकिस्तान में मौजूद सभी आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद करने के लिए हम पूरी तरह से तैयार थे। उस वक्त हमें ऐसा करने की इजाजत नहीं दी गई।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हमारे खिलाफ लगातार प्रॉपेगैडा वार में लगा हुआ है और वो ये करता भी रहेगा। धनोआ ने कहा कि भारतीय सेना आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए हर वक्त तैयार है। बीएस धनोआ 31 दिसंबर, 2016 से 30 सितंबर, 2019 तक भारतीय वायुसेना के चीफ थे।
पुलवामा आतंकी हमले में CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे। इसका बदला लेने के लिए 26 फरवरी 2019 को, भारतीय वायु सेना के 12 मिराज 2000 जेट्स ने नियंत्रण रेखा पार की और बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद संचालित आतंकवादी शिविर पर हमला किया। इस हमले में कई आतंकी मारे गए थे और वहां मौजूद आतंकी बेस तबाह कर दिये गए थे।