Why Women Get Alzheimer After Menopause: महिलाओं में बढ़ती उम्र के साथ मेनोपॉज (Menopause) होना एक सामान्य प्रक्रिया है, जो 45 से 50 की उम्र के बीच होता है। मेनोपॉज (Menopause) के बाद महिलाओं की प्रजनन क्षमता पूरी तरह से समाप्त हो जाती है। इस वजह से शरीर में कई तरह के हार्मोन चेंजेस होते हैं। लगभग दो-तिहाई महिलाओं को मेनोपॉज (Menopause) के दौरान दिमागी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इनमें से कई महिलाओं को डिमेंशिया या अल्जाइमर होने का खतरा भी बढ़ जाता है। मेनोपॉज (Menopause) के दौरान महिलाओं में भूलने और सोचने समझने की शक्ति भी कम हो सकती है. कई महिलाओं को बातचीत करने में भी कठिनाई आने लगती है। हालांकि अल्जाइमर होने के कई कारण हो सकते हैं जिसमें बायोलॉजिकल और लाइफस्टाइल में परिवर्तन भी अहम भूमिका निभाते हैं। चलिए जानते हैं अल्जाइमर डिजीज के लिए मेनोपॉज (Menopause) किस तरह जिम्मेदार हो सकता है।
क्या मेनोपॉज से हो सकता है अल्जाइमर?
मेनोपॉज (Menopause) अक्सर 45-55 की उम्र के आसपास शुरू होता है और 7-14 साल तक रह सकता है। हेल्थ डॉट कॉम के अनुसार मेनोपॉज (Menopause) के दौरान और बाद में ओवरीज में बदलाव आता है वैसे-वैसे मस्तिष्क में भी बदलाव आने लगते हैं। मेनोपॉज (Menopause) के कई लक्षण होते हैं जैसे हॉट फ्लैशेज, ब्रेन फॉग, चिंता, डिप्रेशन, अनिद्रा, नाइट स्वेट, मेमोरी लैप्स और इंसोमिया। मेमोरी और ब्रेन में होने वाले लक्षणों की वजह से मेनोपॉज को अल्जाइमर से जोड़ा जाता है। हालांकि एक्सपर्ट्स ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि केवल मेनोपॉज (Menopause) के कारण महिलाओं को अल्जाइमर हो सकता है।
मेनोपॉज के साथ ब्रेन में परिवर्तन
मेनोपॉज (Menopause) के साथ महिलाओं के ब्रेन में परिवर्तन आने लगते हैं। रिपोर्ट के अनुसार 60 प्रतिशत महिलाओं को मेनोपॉज (Menopause) के दौरान मेमोरी से जुड़ समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिसमें से कई महिलाएं अल्जाइमर की चपेट में आ सकती हैं।
जल्दी मेनोपॉज से हो सकता है अल्जाइमर
वैसे तो मेनोपॉज (Menopause) की औसत आयु 51 है लेकिन कुछ लोगों की प्री-मेनोपॉज की शुरुआत 40 के दशक से ही हो सकती है। समय से पहले मेनोपॉज (Menopause) होने से सर्जरी द्वारा ओवरीज को हटाया जाता है जिसका प्रभाव ब्रेन पर पड़ता है। ब्रेन पर प्रेशर पड़ने के कारण डिमेंशिया होने का खतरा बढ़ जाता है। वहीं कुछ लोगों में ये डिजीज आनुवांशिक भी हो सकती है।
कैसे करें अल्जाइमर के खतरे को कम
– हेल्दी डाइट
– रेगुलर एक्सरसाइज
– पर्याप्त नींद
– स्ट्रेस से दूरी
– सोशल कनेक्शन मेंटेन करें
– मानसिक रूप से रहें एक्टिव
– कराएं रेगुलर चेकअप