Bollywood

रील लाइफ विलेन से रियल लाइफ मसीहा तक, ऐसा रहा सोनू का सफर

रील लाइफ में विलेन की भूमिका निभाकर लोकप्रिय हुए सोनू सूद कोरोना काल के दौरान लाखों लोगों के लिए रियल लाइफ मसीहा साबित हुए हैं। सोनू सूद ने पिछले कुछ समय में इतने लोगों की मदद की है कि उन्हें सोशल मीडिया पर कुछ लोगों द्वारा भगवान कहा जाने लगा है। सोनू सूद के 47वें बर्थडे पर जानते हैं उनके सफर के बारे में।


सोनू सूद का जन्म 30 जुलाई 1973 को पंजाब के मोगा में हुआ था। पंजाब के इस छोटे से गांव में उनकी मिडिल क्लास परवरिश हुई। वे 5500 रूपए लेकर मुंबई एक्टर बनने आए थे। उन्हें शुरुआत में काफी संघर्ष करना पड़ा था। वे अक्सर ट्रेन में सफर करते थे और एक छोटे से कमरे में कई लोगों के साथ रहते थे।


सोनू सूद एक्टिंग से पहले नागपुर के इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़ाई कर चुके हैं। सोनू के आर्थिक हालात बहुत अच्छे नहीं थे वे उस दौर में ट्रेन के कंपार्टमेंट में टॉयलेट के पास छोटी सी खाली जगह में सोकर घर जाया करते थे, ताकि अपने पिता के पैसे बचा सके।

सोनू ने बताया था कि जब वे मुंबई आए थे तो चाहते थे कि लोग उनकी मदद करें लेकिन कोई एक्टर न तो उन्हें मिलता था और न उनकी मदद करता था और उन्हें डिमोटिवेट ही किया जाता था। सोनू ने कहा था कि जो कोई मिलता था तो वो कहता था कि तुम एक्टर बनने आए हो? वापस चले जाओ तुमसे नहीं होगा। यही कारण है कि अब जब भी कोई उनसे मिलना चाहता है तो उन्हें अपना वक्त याद आता है। वह सभी से मिलते हैं और उन्हें मोटिवेट भी करते हैं।


सोनू ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत साल 1999 में तमिल फिल्म ‘कल्लाजहगर’ से की थी। वहीं सोनू सूद की पहली बॉलीवुड फिल्म शहीद-ए-आजम थी जो साल 2002 में रिलीज हुई थी। फिल्म में सोनू सूद ने भगत सिंह का किरदार निभाया था।


47 साल की उम्र में भी सोनू सूद की फिटनेस गजब की है। वे अपने इंटरव्यू में बता चुके हैं कि उन्होंने कॉलेज लाइफ से ही अपने आपको अनुशासित रखा है। सोनू ना तो ड्रिंक करते हैं और ना ही स्मोकिंग। इसके अलावा सोनू शुद्ध शाकाहारी भी हैं। उन्होंने बताया था कि इंडस्ट्री में भले ही सिक्स पैक कल्चर पिछले कुछ सालों में शुरु हुआ हो लेकिन वे कॉलेज टाइम से ही सिक्स पैक एब्स रख रहे हैं।


सोनू सूद को मणिरत्नम की फिल्म युवा में काफी नोटिस किया गया था। इस फिल्म में अभिषेक बच्चन, अजय देवगन और विवेक ओबरॉय जैसे सितारे मौजूद थे। इसके बावजूद सोनू अपनी एक्टिंग से ऑडियन्स का ध्यान अपनी तरफ खींचने में कामयाब रहे थे।


सोनू सूद अपने करियर की दो महत्वपूर्ण फिल्में सलमान खान की दबंग और शाहरुख खान की फिल्म हैप्पी न्यू ईयर को मानते हैं। इन दोनों फिल्मों ने सोनू को इंडस्ट्री में जबरदस्त एक्सपोजर दिया। ये दोनों ही फिल्में उनके करियर की सबसे बड़ी हिट फिल्में भी साबित हुई हैं।


कोरोना काल में सोनू सूद का एक अलग ही अवतार सामने आया है। इस महामारी के बीच हरसंभव मदद की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने मुंबई के जुहू स्थ‍ित होटल के दरवाजे भी मेड‍िकल वर्कर्स के लिए खोले थे। उन्होंने लॉकडाउन के समय में ट्रेन, एयरप्लेन, बस हर तरह से मजदूरों को घर पहुंचाने का काम किया है। वे मजदूरों को रोजगार दिलाने के लिए एक मोबाइल एप भी शुरू करने वाले हैं।


सोनू ने लॉकडाउन के दौरान अपने पिता शक्ति सागर सूद के नाम पर एक स्कीम लॉन्च की थी जिसके तहत वो रोज 45 हजार लोगों को हर रोज खाना खिला रहे थे। वे मुंबई पुलिस के लिए भी मास्क का इंतजाम कर चुके हैं। सोनू ने इसके अलावा हाल ही में ऐलान किया था कि वे कोरोना काल के अपने अनुभवों को किताब की शक्ल भी देने जा रहे हैं जिसमें वे जरूरतमंदों की मदद के दौरान आई चुनौतियों के बारे में लिखेंगे। ये किताब साल के अंत में पब्लिश हो सकती है। जुलाई 2016 में सोनू सूद ने अपने प्रोडक्शन हाउस ‘शक्ति सागर प्रोडक्शंस’ की शुरुआत भी की थी।


सोनू सूद ने अपने जन्मदिन के मौके पर हेल्थ कैंप का आयोजन
सोनू सूद ने अपने जन्मदिन के मौके पर एक हेल्थ कैंप का आयोजन करने जा रहे हैं। सोनू सूद का मानना है कि उनके इस कैंप में वो कम से कम 50 हजार लोगों को मदद करेंगे।

सोनू सूद ने एक बयान में कहा, ”मैं ये काफी समय से प्लान कर रहा था और लगातार डॉक्टरों से बात भी कर रहा था। यूपी, झारखंड, पंजाब और ओड़िशा के डॉक्टर्स से बात कर रहा था। लेकिन अभी असम और बिहार में बाढ़ के हालात बने हुए तो इसे देखते हुए हम वहां ये कैंप लगाने की कोशिश में हैं।”


इतना ही सोनू सूद ने बताया कि कोरोना टाइम में लगाया जाने वाला ये कैंप भी खास होगा. जिसमें कोरोना से बचने के लिए सभी एहतियात बरती जाएंगी। उन्होंने कहा, ”हम इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना एक चैलेंज होगा। अगर हम कहें कि एक साथ हम 5-6 हजार लोगों को चेकअप करने की बात कहेंगे तो ये मुश्किल होगा। इसलिए हम इससे निपटने के लिए हम ग्राम पंचायत और मुखिया से संपर्क में हैं।”


वहीं अपने परिवार को लेकर सोनू ने बताया कि इसमें वो उनका पूरा साथ देते हैं। उन्होंने कहा, ”मेरा परिवार ये जानता है कि मैं लोगों की मदद की कोशिश कर रहा हूं। मैं अपने बेटे से अक्सर पूछता हूं, बेटा तुम खुश नहीं हो क्योंकि मैं तुम्हारे साथ समय नहीं बिता रहा? तो इसके जवाब में उसने कहा, नहीं डैडी लोगों को हेल्प करना जरूर है। परिवार का ये समर्थन मुझे और भी ताकत देता है।”

Leave a Comment

Your email address will not be published.

बिहार के इन 2 हजार लोगों का धर्म क्या है? विश्व का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड कौन सा है? दंतेवाड़ा एक बार फिर नक्सली हमले से दहल उठा SATISH KAUSHIK PASSES AWAY: हंसाते हंसाते रुला गए सतीश, हृदयगति रुकने से हुआ निधन India beat new Zealand 3-0. भारत ने किया कीवियों का सूपड़ा साफ, बने नम्बर 1