दिल्ली के गुरुग्राम में 13 अक्तूबर 2018 को बहुचर्चित जज की पत्नी व बेटे हत्याकांड मामले में जज के गनर को दोषी करार दिया गया है। जिसके बाद अदालत ने सुनवाई करते हुए शुक्रवार को फांसी की सजा सुनाई है। पीड़ित पक्ष ने फांसी की सजा की मांग की थी। वहीं आरोपी ने सजा कम करने की मांग की है। गुरुग्राम के जिला सत्र न्यायाधीश सुधीर परमार की अदालन ने गनमैन को दोषी करार दिया। अदालन ने आरोपी महिपाल को आईपीसी की धारा 302, 201, 27/54/59 के तहत फांसी की सजा सुनाई।
जिला सत्र न्यायाधीश कृष्णकांत शर्मा की पत्नी और बेटे को गनमैन ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। अदालत ने साक्ष्य व गवाहों के आधार पर महिपाल को दोषी करार दिया। न्यायाधीश सुधीर परमार ने अपने फैसले में कहा कि यह मामला सरासर विश्वास और रिश्तों को तार-तार करने वाला है। दोषी की जिम्मेदारी मृतकों की सुरक्षा करना था, लेकिन उसने कर्तव्य को दरकिनार कर उनकी हत्या कर दी।
जज कृष्णकांत शर्मा की पत्नी ऋतु व बेटा ध्रुव सेक्टर-49 स्थित ऑर्केडिया मार्केट में खरीददारी करने गए थे। इसी दौरान उनके गनमैन महिपाल ने दोनों को अपनी पिस्टल से गोली मार दी थी। दोनों को गंभीर हालत में पार्क अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां ऋतु ने दम तोड़ दिया था। जबकि बेटे ध्रुव की अस्पताल में 10 दिनों के बाद मौत हो गई थी। महिपाल घटनास्थल से गाड़ी लेकर फरार हो गया था। पुलिस ने उसे गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड से गिरफ्तार किया था। आरोप था कि महिपाल जज के परिजनों के व्यवहार से गुस्से में था।