गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी हुई तेज, भाजपा को मिलेगी इन दलों से चुनौती

गुजरात में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर हलचल तेज है सभी पार्टियां अपने कुनबे को और मजबूत करने की जुगत में है. भाजपा, कांग्रेस, बसपा, सपा, आप और अन्य लोकल पार्टियां सभी दलों की तैयारियां जोरों-शोरों से हो रही है. बता दें कि इस साल के अंत में गुजरात में विधानसभा चुनाव होना है पिछले चुनावों के रिजल्ट की बात करें, तो भाजपा को 99 कांग्रेस को 77 सीटें मिली जो पिछले डेढ़ दशक में सबसे ज्यादा सीटें थी और भाजपा को कड़ी टक्कर भी मिली थी. गुजरात में कुल सीट 182 सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए आपके पास 92 का जादुई आंकड़ा होना चाहिए और पिछली बार भाजपा के पास इस जादुई आंकड़े से 7 सीटें ज्यादा थीं, तो सरकार भाजपा की बनी.

आप ने 10 उम्मीदवारों की सूची जारी की

बता दें कि आम आदमी पार्टी दिल्ली पंजाब फतह करने के बाद गुजरात के किले पर झंडा फहराने की तैयारी में है. आप ने पहले ही अपने 10 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है, जिसमें आदिवासी पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के नाम है, गुजरात में भी मुफ्त वाली राजनीति से भाजपा के अभेद किले को भेदने की कोशिश में है, वही सपा ने भी गुजरात विधानसभा चुनावों के लिए प्रदेश कार्यकारिणी का ऐलान कर दिया है. जिसमें 25 सचिव और 67 सदस्य बनाए गए हैं. अखिलेश यादव ने कहा था पिछले 25 सालों से किसानों नौजवानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

कांग्रेस भी इस जंग में पीछे नहीं है. कांग्रेस में भी गुजरात विधानसभा चुनाव को देखते हुए एक बड़ा दाव खेला है. गुजरात में अब कांग्रेस के 7 कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिए गए हैं.

भाजपा को चुनाव में मिलेगी कड़ी टक्कर

कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का ये कहना है कि वर्तमान में कांग्रेस के हालात ठीक नहीं हैं, तो भाजपा इस कांग्रेस में हुए कई राज्यों में टूट का फायदा उठा सकती है, तो वही जो गुजरात की राजनीति को समझते हैं. उनका ये कहना है कि विपक्ष को कमजोर समझना भाजपा की भूल होगी क्योंकि 2017 में हुए चुनाव में कांग्रेस में काफी अच्छा प्रदर्शन किया था और भाजपा को घुट-घुट पानी पीने पर मजबूर कर दिया था.

कई जानकारों का ये भी कहना है की गुजरात में पानी की कमी की वजह से किसान भी बेहद नाराज है और दूसरी तरफ महंगाई भी एक अहम मुद्दा है.

जहरीली शराब भी एक अहम मुद्दा इस चुनाव में उठ सकता है क्योंकि पिछले ही दीनों कई लोगों की जान गुजरात में अवैध शराब की वजह से हुई थी.

हालांकि भाजपा अपनी जीत का दावा अपने किए कामों पर कई बार कर चुकी बाई पर चुनौती सभी पार्टियों के लिए होगी देखना अब यहां ये होगा कि आखिर में जनता का प्यार और मतदान किसके पक्ष में होता है और क्या कोई और दूसरी पार्टी भाजपा के बनाए किले को भेदने में कामयाब हो पाएगी.

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