पूरे देश में लगभग 22% भूजल या तो सूख चुका है या फिर सूखने की कगार पर है. झारखंड में तीन जगहों पर भूगर्भ जल सूख चूका है, वहीँ १० जगहों में सूखने की कगार पर है. बिहार की स्थिति चिंताजनक है. यहां 27 जगहों पर जमीन के नीचे पानी बचा ही नहीं है, तो 72 जगहों पर ग्राउंड वॉटर सूखने की कगार पर हैं.
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के द्वारा लोकसभा में पेश की गयी रिपोर्ट के मुताबिक, जांच किये गये 6881 यूनिट (ब्लॉक/मंडल/तालुक) में से 1499 यूनिट काफी खराब स्थिति में है. इनमें से 1186 यूनिट सूख गये हैं और 313 सूखने की कगार पर है.
आपको अवगत करते हैं, राज्य, जलाशय, सुख चुके और सूखने के कगार पर के कर्म में:-
झारखंड 260 03 10, बिहार 534 27 72, बंगाल 268 01 76, ओड़िशा 313 00 05
बिहार के इन जिलों में स्थिति काफी खराब:- बेगूसराय, भोजपुर, बक्सर, पूर्वी चंपारण, गया, गोपलगंज, जहानाबाद, कटिहार, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, नालंदा, पटना, सीवान, वैशाली
झारखंड : ग्राउंड वॉटर सूखा या सूखने की कगार पर:- बेरमो, चंद्रपुरा, चास, धनबाद, झरिया, गोलमुरी, रामगढ़, मांडू, पतरातू, कांके, सिल्ली, खलारी
बंगाल : इन जिलों में वॉटर लेबल खतरे के निशान पर:- बर्दमान, बीरभूम, हुगली, मुर्शिदाबाद, नदिया, मेदिनीपुर,
दिल्ली- 34 जगहों पर हुआ सर्वे, 08 जगहों पर जलस्रोत सूखे, 23 जगहों पर ग्राउंड वॉटर लेवल सूखने की कगार पर
महाराष्ट्र- 353 जगहों पर हुआ सर्वे, 16 जगहों पर जलस्रोत सूखे, 61 जगहों पर ग्राउंड वॉटर लेवल सूखने की कगार पर