गिरते-गिरते 43 हजार रुपये के करीब पहुंचा सोना, जानिए अभी खरीद लें या फिर अभी और सस्ता होगा!

सोने की कीमतों में तगड़ी तेजी देखे जाने के बाद अब सोना लगातार गिरता ही जा रहा है। शुक्रवार को भी सोने की कीमत में गिरावट (gold price fall) दर्ज की गई और सोना 44 हजार (Gold price today) के स्तर से भी नीचे चला गया। बल्कि यूं कहें कि सोना अब 43 हजार रुपये प्रति प्रति ग्राम के स्तर के बेहद करीब आ पहुंचा है। सोने ने पिछले साल अगस्त में 56,310 का उच्चतम स्तर (gold price all time high) छुआ था, लेकिन अब 43 हजार के करीब आ पहुंचा है। यानी सोने की कीमत 20 फीसदी से भी अधिक गिर चुकी है। ऐसे में सवाल ये है कि अभी सोना और गिरेगा या अब इसमें तेजी देखने को मिलेगी।
और गिरेगा सोना या अब बढ़ेगा?

अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना गुरुवार को ही 1700 डॉलर प्रति औंस से नीचे गिर चुका है यानी 43,900 के लेवल के भी नीचे आ चुका है। वहीं अगस्त में सोने ने 2010 डॉलर प्रति औंस का उच्चतम स्तर छुआ था, जिससे अब तक 15 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। एनालिस्ट मान रहे हैं कि अभी सोने में गिरावट और आएगी। माना जा रहा है कि सोना 1500 डॉलर प्रति औंस तक गिर सकता है, जिसके बाद इसमें स्थिरता दिखेगी। यानी इस हिसाब से भारतीय रुपयों में देखा जाए तो सोना करीब 38,800 रुपये प्रति 10 ग्राम के लेवल के करीब पहुंच सकता है।

सोने-चांदी में गिरावट का सिलसिला 5 मार्च, शुक्रवार को भी जारी रहा। दिल्ली के सर्राफा बाजार में शुक्रवार को सोने का भाव 522 रुपये की गिरावट के साथ 43,887 रुपये प्रति 10 ग्राम (Gold price today) रह गया। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 44,409 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। वहीं दूसरी तरफ चांदी 1,822 रुपये गिरकर 64,805 रुपये प्रति किलो ग्राम (Silver price today) पर पहुंच गई है. जो पिछले कारोबारी सत्र में 66,627 रुपये प्रति किलो ग्राम पर बंद हुई थी। पिछले साल 4 मार्च 2020 को दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 43,228 रुपये से बढ़कर 44,383 रुपये प्रति 10 ग्राम हुई थी।

सोने की कीमत में ऑल टाइम हाई से 12 हजार रुपये से भी अधिक की गिरावट आ चुकी है। 2020 में सोना 28% तक चढ़ा था और अब 12 हजार रुपये से भी अधिक गिर चुका है। सिर्फ इसी साल में भी सोने में भारी गिरावट आई है। इतना ही नहीं, चांदी में भी 13 हजार रुपये तक की गिरावट देखने को मिली है। अगस्त में सोने ने 56,310 रुपये का ऑल टाइम हाई छुआ था और अब सोना 43,887 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच चुका है।

अगर बात सोने की करें तो पिछले साल सोने ने 28 फीसदी का रिटर्न दिया है। उससे पिछले साल भी सोने का रिटर्न करीब 25% रहा था। अगर आप लॉन्ग टर्म के लिए निवेश कर रहे हैं तो सोना अभी भी निवेश के लिए बेहद सुरक्षित और अच्छा विकल्प है, जिसमें शानदार रिटर्न मिलता है। हालांकि, विशेषज्ञ मान रहे हैं कि सोना 40 हजार के लेवल के नीचे भी जा सकता है, तो आप कुछ दिन और रुक सकते हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने अपने बजट प्रस्तावों में सोने और चांदी पर आयात शुल्क (import tax) में भारी कटौती की घोषणा की थी। सीतारमण ने सोने और चांदी पर आयात शुल्क में 5 फीसदी की कटौती की है। फिलहाल सोने और चांदी पर 12.5% आयात शुल्क चुकाना पड़ता है। इस तरह से अब सोने और चांदी पर सिर्फ 7.5 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी चुकानी होगी। इससे सोने और चांदी की कीमतों में कमी आएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि जुलाई 2019 में सोने पर आयात शुल्क 10% से बढ़ाकर 12.5 % किया गया था। इसके चलते सोने के दाम काफी बढ़े हैं। इसे देखते हुए सरकार सोने और चांदी पर सीमा शुल्क को तर्कसंगत बनाएगी। इस घोषणा के बाद सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट आएगी। भारत बड़े पैमाने पर सोने का आयात करता है। चीन के बाद भारत सोने का सबसे बड़ा खरीदार है। वित्त मंत्री के इस फैसले से सोने की तस्करी पर भी अंकुश लगेगा। हाल में सोने की तस्करी में तेजी आई है।

2020 में सोने के दाम में तगड़ी तेजी की वजह कोरोना वायरस रहा, जिसकी वजह से लोग निवेश का सुरक्षित ठिकाना ढूंढ रहे थे। सोने में निवेश हमेशा से ही सुरक्षित रहा है। कोरोना की वजह से शेयर बाजार में लोगों ने निवेश कम कर दिया, क्योंकि शेयर बाजार में निवेश रिस्की होता है। पिछले साल जनवरी-फरवरी में तो सोना धीरे-धीरे बढ़ रहा था, लेकिन मार्च में भारत में कोरोना वायरस की दस्तक के बाद इसने स्पीड पकड़ ली।

COVID-19 महामारी से निपटने के लिए वैक्सीन के मोर्चे पर सकारात्मक खबरों से सोने की कीमतों में गिरावट आ रही है। वहीं अब कोरोना वायरस की वैक्सीन भी आ चुकी है और वैक्सिनेशन की शुरुआत भी हो गई है। ऐसे में निवेशक सोने को छोड़कर शेयर बाजार का रुख कर रहे हैं, जहां कम समय में अधिक रिटर्न पाया जा सकता है। यही वजह है कि निकट भविष्य में सोने की कीमतों में भारी उछाल की संभावना नहीं है। हालांकि, लंबी अवधि के लिए सोना अभी भी निवेश का अच्छा विकल्प माना जा रहा है।

कोरोना वायरस की वजह से शेयर बाजार में एक तगड़ी गिरावट देखने को मिली थी। समय बीतने के साथ-साथ शेयर बाजार उस तगड़ी गिरावट से लगातार उबर रहा है। दुनिया भर के अधिकतर शेयर बाजार कोरोना की वजह से आई गिरावट से मजबूती से लड़ते हुए रिकवर कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सोना (today gold price) अपना ऑल टाइम हाई छू कर वापस आ चुका है। आए दिन सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। अब सवाल ये उठता है कि क्या सोना भी कोरोना काल से पहले वाली स्थिति में लौट आएगा, क्योंकि ये ट्रेंड देखा गया है कि शेयर बाजार मजबूत होता है तो सोना कमजोर होता है और इसका उल्टा भी होता है। तो क्या सोना अभी और सस्ता होगा, क्योंकि जनवरी में सेंसेक्स 41 हजार के करीब था, तब सोने की कीमत भी 41 हजार के करीब थी।

सोना गहरे संकट में काम आने वाली संपत्ति है, मौजूदा कठिन वैश्विक परिस्थितियों में यह धारणा एक बार फिर सही साबित हो रही है। COVID-19 महामारी और भू-राजनीतिक संकट के बीच सोना एक बार फिर रिकॉर्ड बना रहा है और अन्य संपत्तियों की तुलना में निवेशकों के लिए निवेश का बेहतर विकल्प साबित हुआ है। विश्लेषकों का मानना है कि उतार-चढ़ाव के बीच सोना अभी कम से कम एक-डेढ़ साल तक ऊंचे स्तर पर बना रहेगा। दिल्ली बुलियन एंड ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष विमल गोयल का मानना है कि कम एक साल तक सोना उच्चस्तर पर रही रहेगा। वह कहते हैं कि संकट के इस समय सोना निवेशकों के लिए ‘वरदान’ है। गोयल मानते हैं कि दिवाली के आसपास सोने में 10 से 15 प्रतिशत तक का उछाल आ सकता है।

सोना हमेशा ही मुसीबत की घड़ी में खूब चमका है। 1979 में कई युद्ध हुए और उस साल सोना करीब 120 फीसदी उछला था। अभी हाल ही में 2014 में सीरिया पर अमेरिका का खतरा मंडरा रहा था तो भी सोने के दाम आसमान छूने लगे थे। हालांकि, बाद में यह अपने पुराने स्तर पर आ गया। जब ईरान से अमेरिका का तनाव बढ़ा या फिर जब चीन-अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर की स्थिति बनी, तब भी सोने की कीमत बढ़ी।

सोना खरीदने का यही है सुनहरा मौका, 45 हजार रुपये से भी कम में मिल रहा है एक तोला

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