इंडिया बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के प्रदेश अध्यक्ष अनुराग रस्तोगी कहते हैं कि सोना भारतीय संस्कृति में बहुत महत्व रखता है। आज से नहीं बल्कि पुरातन काल से ही इस धातु का भारतीय परंपरा में विशेष महत्व है। हर शुभ अवसर पर लोग अपनों को इसे भेंट करते हैं। महिलाओं के श्रंगार का अहम हिस्सा भी यह चमकदार धातु होती है। हमारे पूर्वजों ने सोना खरीदने के लिए कुछ शुभ दिन भी बताए हैं। यही कारण है कि त्योहारों के समय सोने की मांग खासा बढ़ जाती है।
इसके साथ ही चांदी के बर्तन तथा उससे बनी हुई मूर्तियां हमेशा देवी देवताओं के लिए शुद्ध मानी गई। उनमें किया गया पूजन हमेशा शुद्ध माना जाता है। इसी प्रकार शास्त्रों के अनुसार सोना भगवान विष्णु का प्रतीक माना गया है। और इसको पहन कर जब स्त्री पूरा श्रृंगार करके अच्छे मुहूर्त में या दीपावली के मुहूर्त में नए-नए कपड़े-जेवर पहनकर पूजन करती है तो मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं इसीलिए धनतेरस से लेकर दीपावली के दिन तक 3 दिन सोना खरीदने का और चांदी खरीदने का विशेष मुहूर्त होता है।
यह जेवर आपके संस्कृति गौरव को बढ़ाने के साथ-साथ आपके वक्त जरूरत पर सदा-सदा आपके काम आए ऐसी व्यवस्था हमारे पूर्वजों ने हमारे लिए कि है। उन्होंने कहा कि पहले शादी ब्याह में 5 से 7 जेवर तो देने ही होते थे लेकिन अब परंपरा बदल गई है।
आजकल के बच्चे इन परंपराओं से दूर जा रहे हैं। वे युवाओं को भी एक नया संदेश देते हैं कि सोना आपकी एक ऐसी बचत है जो आपके लिए 24 घंटे के किसी भी समय आपके किसी भी विपरीत परिस्थिति में आपके हमेशा काम आती है और जब आप जेवर खरीदें तो फैशन के साथ-साथ ट्रेडिशनल भी रहे।
उन्होंने कहा कि आजकल सभी अच्छे शोरूम में तो छोड़ दीजिए छोटी से छोटी सर्राफा की दुकानों में भी बेहतरीन वैरायटी पूरी शुद्धता के साथ उपलब्ध है। इस दीपावली के अवसर पर यह संगठन आपसे कहता है कि आइए अपने परिवार और बंधुओं के साथ हम सभी चांदी और सोने की खरीददारी करें और जेवर पहनकर मां लक्ष्मी का पूजन करें जिससे अच्छे मुहूर्त पर जेवर जब खरीदे जाते हैं तो जल्दी-जल्दी उनके लिए विपरीत परिस्थिति नहीं पैदा होती हैं।
इसीलिए हमेशा अच्छे मुहूर्त में ही सोना चांदी खरीदना चाहिए ताकि आपके यहां सदा वैभव बना रहे आप सभी के लिए धनतेरस, दीपावली कथा भाई दूज की मंगल कामना के साथ यह संगठन आपको सदा ही सोना खरीदनें की सलाह देता है। इसी के साथ इस नियम को अपनाने की सलाह देता है ‘सोना है सदा के लिए’। विशेष रुप से इस बात का ध्यान रखें कि केवल धनतेरस का ही दिन खरीदारी के लिए नहीं होता है। धनतेरस छोटी दिवाली और बड़ी दिवाली तीनों दिन आप सोने तथा चांदी के जेवर मूर्तियां बर्तन खरीद सकते हैं।