44 दिन चलने वाले महाकुंभ में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान का दावा, क्या अतिरंजित है अनुमान?
इतिहासकार हेरंब चतुर्वेदी बताते हैं कि हर्षवर्धन हर 6 साल बाद संगम आते और सब कुछ दान कर चले जाते. तब बड़ी संख्या में लोग वहां स्नान-दान के लिए जुटते थे. उस वक्त के इतिहास में कुंभ शब्द का जिक्र नहीं है, लेकिन जिस तरह से ह्वेनसांग कहानी बताते हैं, वो इस बात का प्रमाण …