आज फ्रेंडशिप डे मनाया जा रहा है। दोस्ती की बात करें तो मन सबसे पहले बचपन में पहुंच जाता है जब हम बिना टेंशन के दोस्तों के साथ खुल के तफरी किया करते थे। कभी पतंगबाजी, कभी अन्ताक्षरी तो कभी तरह-तरह के खेल खेलते थे। लेकिन जैसे जैसे हम बड़े होते गए वैसे बचन के दोस्त मानो खो से गए। सभी अपने कामों में व्यस्त हो गए और अब मुश्किल से ही ऐसे हो पाता है जब सब साथ हो पाएं। हालांकि अभी कोरोना काल में तो इससे बचना ही उचित है। हर साल Friendship Day अगस्त माह के पहले रविवार को मनाया जाता है। Friendship Day का उद्देश्य अपने उन दोस्तों के प्रति स्नेह और आभार प्रकट करना है जो मुश्किल हालातों में आपके जीवन में संबल बने।
ऐसा कहा जाता है कि Friendship Day पहली बार 1958 में पराग्वे में ‘अंतर्राष्ट्रीय मैत्री दिवस’ के रूप में प्रस्तावित किया गया था। हालांकि, इसके बाद यह ग्रीटिंग कार्ड लेने और देने के बारे में ही रह गया। भारत में Friendship Day पर काफी लंबे समय से फ्रेंडशिप बैंड का प्रचलन है। फिल्मों की देखादेखी इस दिन लोग एक दूसरे को फ्रेंडशिप बैंड पहनाते हैं। आज सोशल मीडिया पर Friendship Day मनाने वालों की बाढ़ है। पिछले साल लोगों ने अपने दोस्तों से मिलकर Friendship Day मनाया था। लेकिन इस बार कोरोना महामारी की वजह से Friendship Day सेलिब्रेट करने के लिए हर कोई सोशल मीडिया पर ही निर्भर है।
यह भी देखा गया है कि Friendship Day अलग अलग देशों में अलग अलग तारीखों को मनाया जाता है। 1958 में, इसे पराग्वे में डॉ. रेमन आर्टेमियो ब्राचो द्वारा स्थापित एक अंतर्राष्ट्रीय नागरिक संगठन ‘वर्ल्ड फ्रेंडशिप क्रूसेड’ द्वारा 30 जुलाई के लिए प्रस्तावित किया गया था। माना जाता है कि संयुक्त राष्ट्र की आम सभा ने 2011 में इस तारीख को आधिकारिक घोषित किया था।
Friendship Day के बारे में सबसे पहले 1930 में हॉलमार्क कार्ड के संस्थापक एक जॉइस हॉल ने विचार दिया था। 1920 के दशक में ग्रीटिंग कार्ड नेशनल एसोसिएशन द्वारा प्रचारित इस दिन को उपभोक्ताओं द्वारा बहुत प्रतिरोध का सामना करना पड़ा क्योंकि लोगों को यह विज्ञापन का एक तरीका लगा।