उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में एक सनसनीखेज मामला सामने आई है। एक ही परिवार के चार लोगों ने जान दे दी। इस मामले ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है। शहर में मोमो की दुकान चला कर अपने परिवार का पेट भरने वाले हुकुलगंज के रहने वाले किशन गुप्ता ने बुधवार की दोपहर अपनी गर्भवती पत्नी और दो बच्चों समेत फांसी लगाकर कर जान दे दी। जानकारी के मुताबिक किशन और उसकी पत्नी ने फांसी लगा कर जान दी तो वहीं दोनों बच्चों को जहर खिला दिया। इस खबर को सुनते ही हुकुलगंज में जनसैलाब उमड़ पड़ा। जानकारी मिलने के बाद मौके पर मंडलायुक्त, एसएसपी, एसपी सिटी, एडीएम सिटी सहित अन्य अधिकारी पहुंचे।
पुलिस के अनुसार मौके पर मिले सुसाइड नोट में लिखा है कि ‘बीमारी से तंग आकर आत्महत्या कर रहा हूं’। हालांकि पुलिस आत्महत्या के दूसरे पहलुओं की भी पड़ताल कर रही है। दोनों बच्चों के शव बेड पर मिले हैं वहीं पति पत्नी का शव फंदे के सहारे लटकता मिला। मौके पर फॉरेंसिक टीम सबूतों को इकट्ठा कर जांच में जुट गई है। पुलिस ने सभी शवों को कब्जे में लेने के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेजने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
आर्थिक तंगी भी बनी वजह
पिता अमरनाथ गुप्ता के अनुसार दुकान का किराया आदि यही बेटा लेता था। छोटी बहन की शादी में बहुत कर्जा हो गया था और हफ्ते भर से किशन बहुत परेशान था। जबकि भाई का कहना है किशन के ऊपर बहुत कर्ज था, इस वजह से वह काफी समय से परेशान चल रहा था। वहीं तीन भाई और दो बहनों में किशन परिवार में सबसे बड़ा था। अचानक हुए इस घटना से परिवार में मातम पसरा हुआ है।
पिता के अनुसार किशन ने सुबह 10 बजे मकान के ऊपर स्थित कमरे से मां को फ़ोन करके दाल चावल बनाने को कहा था। 12 बजे छोटा भाई प्रकाश खाने के लिए बुलाने गया तो कमरे के अंदर का हाल देखकर शोर मचाया। इसके बाद सभी को हादसे की जानकारी हो सकी।
पिता के अनुसार बहन पूजा की शादी करीब एक वर्ष पूर्व हुई थी जिसमें 10 लाख रुपया का कर्ज हो गया था। पिता ने कहा कि उसकी दो बिस्वा जमीन बेच कर कर्ज भर दे लेकिन टेंशन मत ले। कर्ज भी सगे संबंधियों से ही लिया था। हालांकि कोई इस बाबत तगादा नही कर रहा था। बताया कि बाई आंख में समस्या थी जिसका इलाज लखनऊ में चल रहा था। अभी कुछ दिन पूर्व ही लखनऊ से मां के साथ इलाज करके लौटा था।