सूर्यदेव की उपासना का त्योहार छठ (Chhath), इस महापर्व को मनाने के लिए लोग दूर-दराज से अपने घरों को लौटते हैं। लोक आस्था का महापर्व छठ जिसमें साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाता है मगर जहां एक तरफ छठ का त्योहार शुरु होने में कुछ ही दिन बाकी है वहीं दूसरी तरफ घाटों पर अभी भी गंदगी का अंबार लगा हुआ है।
यूं तो घाटों पर बड़े-बड़े बैनर लगाए जाने में ना जाने कितने पैसे खर्च कर दिए जाते हैं, मगर सबसे महत्वपूर्ण जो चीज है साफ सफाई उस ओर किसी का ध्यान नहीं जाता, ये आम धारणा हो गयी है कि सरकार, प्रशासन, या कोई राजनैतिक दल ही घाटों की साफ सफाई करवाए, क्या ये हमारी आपकी जिम्मेदारी नहीं है कि हम खुद अपने आस पास के घाटों को साफ रखें।
झारखंड में लगभग सभी घाट बदहाल अवस्था में है, बात अरगोड़ा तालाब की करें तो घाट किनारे गंदगी का अंबार लगा है यहां तक कि सीढ़ियों पर भी मिट्टी जमा है, फिल्हाल घाट की सफाई का काम अब जाकर शुरु हुआ है। आखिर क्यों छठ से दो दिन पहले ही हमें घाटों की सफाई याद आती है, ये जन जागरूकता का सवाल है, इस साफ सफाई के लिए हम सबको खुद भी कदम बढ़ाना चाहिए बजाए इसके कि नगर निगम या सरकार को कोसें।
गंदगी के नजारे का कुछ ऐसा ही हाल हरमू कालोनी में छठ पूजा के लिए बनाये गये तालाब का है जिसमें घास उग आई है, इस तालाब में एक दिन पहले ही पानी भरा जाता है।
बात VVIP जगहों की करें तो वहां JCB से खुदाई की जा रही है, ताकि अर्ध्य के लिए कृत्रिम गड्ढा बनाया जाए, बाद में इस गड्ढे को पाट दिया जाएगा।
COURTSEY: RENUKA TRIVEDI (BUREAU CHIEF)