जहां करीब करीब पूरी दुनियां इस वक्त कोरोना वायरस से खौफ में है तो वहीं इस बीच एक राहत देने वाली खबर सामने आई है। आपको तबा दें सोमवार को अमेरिकी शोधकर्ताओं ने कोरोना वायरस के पहले टीके का पहला परीक्षण किया। ये परिक्षण अमेरिका के सियाटल के रिसर्च इंस्टीट्यूट में किया गया जहां एक पहली बार 43 साल की एक महिला को कोविड-19 वैक्सीन की सूई दी गई। स्थानीय मीडिया सूत्रों की माने तो चीन में इस बीमारी का पता चलने के बाद से ही केपीडब्ल्यू रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक इस खतरनाक बिमारी के वैक्सीनेशन की खोज में लगे थे। लेकिन फिर भी अभी इस वैक्सीन के असर का पता लगाने में महीनों का समय लग सकता है। केपीडब्ल्यू रिसर्च इंस्टीट्यूट की डॉक्टर लिजा जैक्सन ने परीक्षण से पहले कहा कि इस आपातकाल में हर शख्स कुछ ना कुछ करना चाहता है, और हम कोशिश में लगे हैं।
इस सफलता पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने देश के डॉक्टरों की तारीफ की, और कहा कि इसका क्लिनिकल ट्रायल शुरू किया जा चुका है, अब दुनियाभर में अबतक का सबसे जल्दी विकसित किया गया टीका है। इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका कोविड-19 के खिलाफ एंटी वायरल और दूसरे अन्य थेरेपी भी विकसित करने के लिए तेजी से कदम बढ़ा रहा है।
वहीं वैज्ञानिको का ये भी कहना है कि अगर ये परीक्षण सफल भी हो जाता है तो भी बाजार में वैक्सीन को आने में कम से कम 12 से 18 महीने का समय लग सकता है। क्योंकि इस टीके का असर समझने में ही कई महीनों का समय लग सकते वहीं इससे पहले WHO के डायरेक्टर टेड्रोस अधानोम और उनकी टीम ने भी इस महामारी की रोकथाम के लिए 200 से ज्यादा दवाओं पर ट्रायल का कार्य शुरू कर दिया है।