वायुसेना से जुड़े सूत्रों ने बताया कि एयर मार्शल चौधरी ने राफेल को करीब एक घंटा उड़ाकर जांचा-परखा भी। भारत ने इस उन्नत किस्म के लड़ाकू विमान के लिए 2016 में फ्रांस के साथ 60,000 करोड़ रुपये में 36 राफेल खरीदने का एक करार किया था।
भारतीय वायुसेना को गुरुवार को उसका पहला राफेल लड़ाकू विमान मिल गया। यहां एयर मार्शल वीआर चौधरी की अगुवाई में दसॉल्ट एविएशन मैन्युफैक्चरिंग युनिट में वायुसेना अधिकारियों को इसे सौंपा गया। पहले राफेल का नाम अगले एयर चीफ आरकेएस भदौरिया के नाम पर है।
पहले राफेल का नंबर आरबी-01 है। इसे यह नाम भारतीय अगले वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल आरकेएस भदौरिया के नाम पर दिया गया है, जिन्होंने देश के अब तक के सबसे बड़े रक्षा सौदे को मुकाम तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है।
सूत्रों ने कहा कि करार के मुताबिक, खरीदे गए राफेल को अभी परीक्षण के कई चरणों से गुजरना होगा और अभी यह कम से कम सात महीने फ्रांस में ही रहेगा।