आतंकी फंडिंग रोकने में नाकाम पाकिस्तान को FATF ने अल्टीमेटम दे दिया है। 4 महीने में आतंकवाद को मदद देना बंद नहीं किया तो गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। आतंकवाद वित्त पोषण पर निगरानी रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था वित्तीय कार्यबल ने 5 दिन की बैठक के बाद शुक्रवार को पाकिस्तान को अगले चार महीने तक GREY LIST में बरकरार रखने की घोषणा की है। साथ ही आगाह किया कि अगर पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ FATF द्वारा तय 27 मानकों को पूरा नहीं किया तो उसके खिलाफ सख्त कदम उठाया जाएगा। गौरतलब है कि पाकिस्तान अब तक 5 मानक ही पूरे कर पाया है। FATF अध्यक्ष जियांगमिन लियू ने कहा, हमने पाया है कि पाकिस्तान एक बार फिर आतंक के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई करने में विफल रहा। उसे इस मामले में और तेजी दिखानी होगी। इस बीच हमने तय किया है कि पाकिस्तान को चार महीने की अंतिम मोहलत दी जाए। अगर इस बार उसने सभी मानकों को पूरा करते हुए कार्रवाई नहीं की तो उसे काली सूची में डाल दिया जाएगा।
FATF की ओर से पाकिस्तान को यह अंतिम मौका दिया जा रहा है। एफएटीएफ ने कहा, अगर पाकिस्तान इस बार विफल होता है तो वैश्विक संस्थाओं को उसके साथ व्यापारिक लेनदेन पर विशेष विचार करने को कहा जाएगा। गौरतलब है कि एफएटीएफ की भाषा ठीक वैसी है जैसी ईरान को काली सूची में डालने से पहले थी। बैठक में पाकिस्तान की ओर से आर्थिक मामलों के मंत्री हम्माद अजहर शामिल हुए।
FATF में शामिल 205 सदस्य देशों में सिर्फ तीन चीन, तुर्की और मलयेशिया ने ही पाकिस्तान को समर्थन दिया है। 1989 में गठित एफएटीएफ एक अंतर सरकारी संस्था है। यह मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकियों को पैसे मुहैया कराने और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था को खतरा बनने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए कदम उठाती है। पेरिस में इसकी बैठक में 205 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष, संयुक्त राष्ट्र और विश्व बैंक समेत कई संगठन भी इस बैठक में भागीदार हैं।