खटकड़ टोल पर किसानों ने धरने के 47वें दिन PM नरेंद्र मोदी का पुतला फूंका। किसानों ने कहा कि प्रधानमंत्री की जो भाषा किसानों को लेकर राज्यसभा और संसद में थी। उससे किसान आहत हैं। किसानों की वजह से आज वे सत्ता में हैं। किसान ही अन्न पैदा कर देश का पेट भरता है। 100 मोबाइल टावर पर PM बोले। लेकिन अब तक 200 से अधिक किसान मौत का ग्रास बन चुके हैं, उनके लिए कुछ नहीं बोले। आंदोलन करने वालों को आंदोलनजीवी की संज्ञा देते हैं। दो महीने से अधिक का समय किसानों को दिल्ली बॉर्डर पर धरना देते हो गया है। लेकिन किसान PM को नजर नहीं आ रहे हैं। BKU जिलाध्यक्ष आजाद पालवां, सतबीर पहलवान ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से कई दिनों का कार्यक्रम किसान आंदोलन को लेकर तैयार किया गया है।
14 फरवरी को किसान पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों की याद में गांव में कैडल मार्च निकाल कर रोष प्रकट करेंगे। इस दिन शाम को गांव की मेन चौपाल से मंदिर तक कैंडल मार्च निकालेंगे। जिस Kisan Andolan को सरकार शुरू में अलग-अलग नाम दे रही थी। आज वो आंदोलन जन आंदोलन बन चुका है। किसान ये मन बना चुके हैं कि जब तक तीनों कानून रद नहीं होंगे, तब तक घर वापसी नहीं करेंगे। सरकार को तीनों कानून वापस लेने होंगे। किसानों के लिए ये कानून बनाने की बात केंद्र सरकार कर रही है। किसान नहीं चाहते कि उनके लिए ये कानून बने, तो क्यों ये कानून सरकार बना रही है। किसानों के लिए खेती घाटे का सौदा बन चुकी है। केंद्र सरकार किसान हितैषी है तो स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करें। आज किसान कर्ज तले दबा जा रहा है तो लागत फसल पर अधिक हो रही है। इस मौके पर सिक्किम सफा खेड़ी, अनूप करसिधु, राममेहर, राकेश खटकड़, अमरजीत, दीपक, पाला मौजूद रहे।