कश्मीर मामले पर पहली बार EU सांसद बोलते नजर आए। जम्मू कश्मीर के अपने दौरे के बाद आज पहली बार बोलते हुए यूरोपियन यूनियन (EU) के सांसदों के डेलिगेशन ने भारत का समर्थन करते हुए कहा है कि वह कश्मीर के हालात से संतुष्ट हैं। उन्होंने साथ ही कश्मीर मुद्दे को भारत का आंतरिक मामला बताय़ा और कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में वह भारत के साथ हैं। जम्मू कश्मीर के दौरे पर गए यूरोपियन यूनियन (EU) सांसदों के दल ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। प्रेस कॉनफ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि भारत एक शांति प्रिय देश है, कश्मीर के लोगों को भारत से काफी उम्मीदे हैं। उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि उनके इस दौरे को राजनीतिक चश्मे से ना देखा जाए, ये बिल्कुल ठीक नहीं है। हम सिर्फ यहां हालात का जायजा लेने आए हैं।
अनुच्छेद-370 पर EU सांसदों ने कहा कि ये भारत का आंतरिक मामला है, अगर भारत-पाकिस्तान को शांति स्थापित करनी है तो दोनों देशों को आपस में बातचीत करनी होगी। अपने कश्मीर दौरे पर EU सांसदों ने कहा कि हमें वहां रहने का ज्यादा समय नहीं मिला, हम ज्यादा लोगों से नहीं मिल पाए। यूरोपियन यूनियन के सांसदों ने आतंकवाद के मसले पर भारत का समर्थन किया। EU सांसदों ने आतंक के मसले पर कहा कि हम आतंकवाद के खिलाफ हैं। इस दौरान उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि वह यूरोपीय संसद में अपने कश्मीर दौरे की रिपोर्ट पेश नहीं करेंगे।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान EU सांसदों ने AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के बयान का भी खंडन किया। EU सांसदों ने कहा कि हम नाज़ी लवर्स नहीं है। अगर हम ऐसे होते तो हमें कभी नहीं चुना जाता। उन्होंने नाजी शब्द के इस्तेमाल पर भी आपत्ति जताई। बता दें कि AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने EU सांसदों की तुलना नाज़ी लवर्स से करते हुए उनपर निशाना साधा था।