उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में गुरुवार सुबह 8 बजे से मतगणना (Counting) शुरु होगी। पांचों राज्यों में चुनाव आयोग (Election Commission) की तरफ से मतगणना स्थलों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। हालांकि, मतगणना से पहले पांचों राज्यों में EVM की सुरक्षा का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है। चुनाव नतीजों से पहले ईवीएम (EVM) को लेकर सियासत भी देखने को मिल रही है। ऐसे में आपको यह जरूर जानना चाहिए कि आखिर मतगणना कैसे होती है और किस तरह से चुनाव आयोग (Election Commission) मतगणना वाले दिन काम करता है।
क्या है मतगणना का तरीका?
मतगणना के शुरू होने से पहले रिटर्निंग आफिसर और असिस्टेंट रिटर्निंग आफिसर मतों की गोपनीयता बनाए रखने की शपथ लेते हैं। मतगणना के वक्त हर काउंटिंग टेबल पर एक इलेक्शन आफिसर और पार्टियों के एजेंट्स मौजूद रहते हैं। इस दौरान उम्मीदवारों की ओर से वहां मौजूद लोग मतगणना पर नजर रखते हैं।
एक जगह पर 14 टेबल लगाए जाते हैं
काउंटिंग सेंटर पर एक बार में 14 EVM के वोटों की गिनती की जाती है। जिस वजह से मतगणना केंद्र पर 14 टेबल ही लगते हैं।
सबसे पहले पोस्टल बैलेट की होगी गिनती
सुबह 8 बजे जैसे ही मतगणना शुरु होगी। सबसे पहले पोस्टल बैलेट के मतों की गिनती शुरू होगी। इसके बाद EVM के मतों की गिनती होगी।
EVM खराब होने पर चुनाव आयोग दी जाती है सूचना
मतगणना के दौरान अगर EVM खराब हो जाता है तो वहां मौजूद रिटर्निंग आफिसर इसकी सूचना चुनाव आयोग को देता है। मतगणना शुरु होने से पहले सबसे EVM मशीनों की जांच की जाती है। यह जांच रिटर्निंग आफिसर की मौजूदगी में ही होती है।
मतगणना हाल की होगी वीडियो रिकार्डिंग
मतगणना (Counting) केंद्रों पर वोटों की गिनती के दौरान वीडियो रिकार्डिंग भी की जाती है। इस दौरान सेंटर के अंदर किसी दूसरे शख्स द्वारा फोटो लेने और वीडियो के बनाने पर पूरी तरह से पाबंदी रहती है। बिना किसी गड़बड़ी की शिकायत के बाद जब मतगणना समाप्त हो जाती है। तो रिटर्निंग आफिसर नतीजे घोषित करता है।