यूपी में ईवीएम (EVM) से छेड़छाड़ की अफवाहों और आरोपों को लेकर जारी सियासत के बीच निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने मतों की गिनती के लिए सुरक्षा और निगरानी के तगड़े बंदोबस्त किए हैं। निर्वाचन आयोग (Election Commission) का कहना है कि ईवीएम (EVM) से जुड़ी कुछ अफवाहें फैलाई गईं जो गलत है। शिकायतों पर कार्रवाई की गई है। आयोग ने मुख्य चुनाव अधिकारी यूपी को ऐसी अफवाहें फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने कहा है कि ईवीएम (EVM) को 24 घंटे सीसीटीवी (CCTV) की निगरानी में रखा गया है। साथ ही इसकी निगरानी के लिए थ्री लेयर सुरक्षा के बंदोबस्त किए गए हैं। यही नहीं हर ईवीएम (EVM) का क्रमांक भी राजनीतिक दलों के साथ साझा किया गया है। साथ ही 130 पुलिस पर्यवेक्षकों और 10 विशेष पर्यवेक्षकों की प्रतिनियुक्ति भी की गई है।
निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि मतगणना प्रक्रिया की निगरानी के लिए दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को मेरठ और मुख्य निर्वाचन अधिकारी बिहार को वाराणसी में प्रतिनियुक्त किया गया है। पोस्टल बैलेट के मतों की गिनती सुबह आठ बजे शुरू हो जाएगी जो पूरी होने तक जारी रहेगी। आयोग की ओर से प्रोटोकाल के उल्लंघनों की शिकायतों पर भी कार्रवाई की गई है।
इससे पहले यूपी के अतिरिक्त मुख्य चुनाव आयोग अधिकारी बीडी राम तिवारी ने कहा कि मतगणना की पूरी प्रक्रिया समाप्त हो जाने के बाद पांच VVPAT की पर्चियों के मिलान के लिए भी काउंटिंग की जाएगी। मतगणना स्थलों पर कड़ी सुरक्षा के इंतजाम होंगे।
इससे पहले भाजपा (BJP) के प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग का दरवाजा खटखटाया और अखिलेश यादव के क्रांति वाले बयान को लेकर कार्रवाई करने की अपील की। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि उत्तर प्रदेश में हार के डर से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) हताश हैं। उन्होंने मंगलवार को जिस भाषा का इस्तेमाल किया वह लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक है। भाजपा नेता ने सपा प्रमुख पर निशाना साधते हुए कहा कि आप (अखिलेश यादव) इस चुनाव प्रक्रिया से ही जीते हैं इसलिए आपको जनादेश स्वीकार करना चाहिए।
गौरतलब है कि अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने मंगलवार की शाम को उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा (BJP) पर प्रशासनिक मशीनरी के जरिए मतों की चोरी कराने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के अधिकारी अपने अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं कि जहां भाजपा हार रही है उन विधानसभा सीटों पर मतगणना धीमी कर दी जाए।
इसके साथ ही अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने यह भी कहा कि ये लोकतंत्र का आखिरी चुनाव है। इसके बाद तो लोकतंत्र के लिए जिस तरह से आजादी के लिए लड़ाई लड़नी पड़ी। ठीक उसी तरह से आपको और हमको क्रांति करनी पड़ेगी। अखिलेश ने कहा कि नौजवानों से मेरी अपील है कि कम से कम तीन दिन लोकतंत्र के अखंड प्रहरी बनकर ईवीएम और अपने मतों को बचाएं। अब भाजपा अखिलेश के क्रांति वाले बयान पर हमलावर है।
भाजपा (BJP) ने बुधवार को अखिलेश के क्रांति वाले बयान को लेकर ही निर्वाचन आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज कराई। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने जिस भाषा का प्रयोग किया उससे साफ है कि वह हार के डर से घबरा गए हैं। निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मिलने वालों में भाजपा प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी शामिल थे।