झारखंड विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू होने के साथ ही केंद्र की ओर से राज्य में शांतिपूर्वक चुनाव संपन्न कराने के लिए पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र बल के 9000 जवानों की तैनाती के आदेश जारी कर दिए गए हैं। गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक झारखंड चुनाव के लिए केंद्र और राज्य के सशस्त्र बलों की 90 टुकडिय़ों की तैनाती होगी, इनमें 70 कंपनियां केंद्र की हैं। इन टुकडिय़ों में अधिकतर की तैनाती नक्सल प्रभावित इलाकों में रहेगी।
वहीं चुनाव आयोग ने आयकर विभाग में तैनात भारतीय राजस्व सेवा (आइआरएस) के भी 34 अफसरों को चुनाव के लिए झारखंड में पदस्थापित करने के आदेश दिए हैं। ये अफसर सभी 81 सीटों पर होने वाले चुनाव खर्च का आकलन व निगरानी करेंगे। इन अफसरों पर चुनाव में काले धन के उपयोग और मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए धन बल के प्रयोग को रोकने की भी जिम्मेदारी होगी। सुरक्षा बलों की तैनाती से साफ हो गया है कि झारखंड चुनाव की घोषणा अब किसी भी दिन हो सकती है। इस संबंध में जायजा लेने मुख्य निर्वाचन आयुक्त और उनकी टीम भी रांची में होगी।
झारखंड चुनाव की लिए जिन 90 टुकडिय़ों की तैनाती का आदेश जारी किया गया है, उनमें बीएसएफ की 15, इंडो- तिब्बतन बॉर्डर की 13, सीआरपीएफ की 12 और सीआईएसएफ, एसएसबी, आरपीएफ की 10- 10 टुकडिय़ां शामिल हैं। इनके अलावा 20 टुकडिय़ां झारखंड पुलिस और राज्य सशस्त्र बल की होंगी। इनके अलावा आईआरबी के जवानों की भी तैनाती होगी। सभी कंपनी बल (टुकड़ी) में 100-100 जवान होंगे।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि झारखंड की राजधानी रांची में स्थित सीआरपीएफ के महानिरीक्षक (आइजी) इन टुकडिय़ों के संयोजक होंगे और राज्य सरकार के अधिकारी और चुनाव आयोग उन्हें सहयोग करेगा। चुनाव आयोग ने नई दिल्ली में पर्यवेक्षकों को दो नवंबर को ब्रीफिंग के लिए बुलाया है।
भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा तथा अन्य निर्वाचन आयुक्त व उनकी टीम के सदस्य तीन-चार नवंबर को रांची में रहेंगे। निर्वाचन आयोग की यह टीम तीन दिसंबर को रांची पहुंचेगी तथा अगले दिन विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा कर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, जिला निर्वाचन पदाधिकारियों सह उपायुक्तों व पुलिस अधीक्षकों को आवश्यक निर्देश देगी।
भारत निर्वाचन आयोग विधानसभा चुनाव की घोषणा कभी भी कर सकता है। वैसे उम्मीद की जा रही थी कि 28-29 अक्टूबर को चुनाव की घोषणा कर दी जाएगी। मंगलवार को भी संभावना व्यक्त की जा रही थी कि चुनाव की घोषणा हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब चूंकि तीन-चार नवंबर को मुख्य निर्वाचन आयुक्त रांची में रहेंगे, इसलिए अब संभावना जताई जा रही है कि उनके वापस दिल्ली लौटने बाद विधानसभा चुनाव की घोषणा होगी।