इस दीपावली (Diwali) पर्यावरण को सुरक्षित बनाएं इस संदेश के साथ लोगों में जागरुकता बढ़ी है। गाय के गोबर से बनी मां लक्ष्मी और भगवान गणेश (Laxmi-Ganesh) की मूर्तियां लोग घर ला रहे हैं। खुशी की बात ये है कि बाजार से लेकर ऑनलाइन शॉपिंग ऐप तक गोबर से बनी लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों की डिमांड बढ़ी है, जो इस बात को दर्शाता है कि आम जनता में जागरुतता बढ़ी है और वो ईको फ्रेंडली(Eco-Friendly) दीपावली मनाना चाहती है।
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गाय के गोबर से बनने वाली मूर्तियों में केमिकल रंगों का प्रयोग नहीं किया गया है। गोबर में चिकनी मिट्टी मिला के इन मूर्तियों को बनाया जाता है, जिनमें वार्निस का भी प्रयोग नहीं होता साथ ही रंग का भी बहुत कम मात्रा में प्रयोग किया जाता है।
इन मूर्तियों को लोग गमले या पौधों की जड़ों में डालकर खाद के तौर पर प्रयोग भी कर सकते हैं। जबकि आम तौर पर मूर्तियां मिट्टी और पीओपी से बनती हैं, जिन्हें नदी, तालाब में डालने से प्रदूषण बढ़ता है।
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