दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का सबसे बड़ा प्रतीक माना जाता है। हिंदू पचांग के अनुसार, दशहरा दीवाली से ठीक 20 दिन पहले आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। Dussehra हिंदुओं के प्रमुख त्याहारों में से एक है। प्रभु श्रीराम के हाथों रावण का वध होने के बाद से ही इसे मनाने की परंपरा चली आ रही है। वहीं इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का संहार भी किया था, इसलिए भी इसे विजय दशमी के रूप में मनाया जाता है।
कब है विजय दशमी?
विजय दशमी का पर्व इस साल रविवार, 25 अक्टूबर को मनाया जाएगा. पितृपक्ष के बाद अधिकमास लगने की वजह से नवरात्र, Dussehra और सभी एक महीने देर से आएंगे। 17 अक्टूबर से नवरात्रि का शुभारंभ होगा और 24 अक्टूबर को रामनवी के अगले ही दिन पूरे देश में दशहरे का पर्व मनाया जाएगा। इसके ठीक 20 दिन बाद यानी शनिवार, 14 नवंबर को Diwali 2020 का पर्व मनाया जाएगा।
शुभ मुहूर्त
Vijay dashmi 25 अक्टूबर को 7 बजकर 41 मिनट से 26 अक्टूबर को 8 बजकर 59 मिनट तक रहेगी। इस बीच 01 बजकर 55 मिनट से 02 बजकर 40 तक विजय मुहूर्त रहेगा। जबकि 01 बजकर 11 मिनट से 03 बजकर 24 मिनट तक अपराह्न पूजा का समय रहेगा।
विजय दशमी पर पूजा के फायदे
इस दिन महिषासुर मर्दिनी मां दुर्गा और भगवान राम की पूजा करनी चाहिए। इससे सम्पूर्ण बाधाओं का नाश होगा और जीवन में विजय श्री प्राप्त होगी। इस दिन अस्त्र-शस्त्र की पूजा करना बड़ा फायदेमंद होता है। नवग्रहों को नियंत्रित करने के लिए भी Dussehra की पूजा अद्भुत होती है।