साल की शुरूआत में दिल्ली में हुए हिंसक दंगों की एक रोपोर्ट पर राजनीति गर्मा गई है। बता दें, अल्पसंख्यक आयोग की एक रिपोर्ट में दिल्ली दंगों के लिए बीजेपी नेताओं को जिम्मेदार ठहराया गया है। इस मामले में बीते गुरुवार को जारी आयोग ने अपनी रिपोर्ट में विधानसभा चुनाव के दौरान भड़काऊ भाषण का आरोप लगाया है।
दरअसल इस मामले पर डीएमसी के कार्यालय में आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान और उनकी 10 सदस्यीय समिति का नेतृत्व करने वाले एमआर शमशाद ने दिल्ली दंगों पर एक रिपोर्ट को जारी की है। इस रिपोर्ट में दिल्ली में हिंसा के लिए ‘बार-बार उकसावे’ का उल्लेख किया गया है। जारी किए गए डीएमसी के बयान के मुताबिक, ‘दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान के दौरान दिसंबर 2019 से फरवरी 2020 तक बीजेपी नेताओं ने सीएए प्रदर्शनकारियों के खिलाफ उकसाने वाले कई भाषण दिए।’
वहीं दूसरी ओर डीएमसी की रिपोर्ट के सामने आने पर बीजेपी ने आयोग की रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि आयोग ने आधारहीन इल्जाम मढ़ने का काम किया है। साथ ही बीजेपी की ओर से ये सवाल भी उठाया गया कि इस रिपोर्ट में दंगों के संबंध में जेल में बंद पार्षद ताहिर हुसैन का जिक्र किया गया है या नहीं। वहीं दिल्ली पुलिस ने साफ कहा कि दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की ओर से दिल्ली पुलिस को कोई ऐसी रिपोर्ट नहीं मिली है।
आपको बता दें उपराज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सौंपी जा चुकी 130 पन्ने की रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस पर भी ‘निष्क्रियता’ बरतने का आरोप लगाया गया है।