देश में ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) के कारण कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। दिल्ली (Delhi) और मुंबई (Mumbai) समेत देश के बड़े महानगरों में कोविड-19 (Covid-19) के केस तेजी से बढ़े हैं। कई हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत में ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) के चलते कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave of Corona) की शुरुआत हो चुकी है और फरवरी में इस लहर का पीक देखने को मिल सकता है। मौजूदा ट्रेंड्स और डाटा के आधार पर आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर और गणितज्ञ मनिंद अग्रवाल ने NVR24 से बात करते हुए कहा कि, जनवरी के आखिरी तक देश में रोजाना कोरोना (Corona) संक्रमण के 8 लाख मामले देखने को मिल सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगले 3 से 4 दिन में तस्वीर साफ हो जाएगी।
केंद्र सरकार के सूत्र मॉडल (जिसमें वायरस के बढ़ते केसों का गणितीय आकलन किया जाता है) का नेतृत्व करने वाले मनिंद अग्रवाल ने कहा कि, दिल्ली और मुंबई में कोरोना (Corona) की तीसरी लहर आ चुकी है और जनवरी के मध्य में इसका पीक देखने को मिल सकता है। सूत्र के अनुसार, दिल्ली में रोजाना 50 से 60 हजार केस देखने को मिलेंगे जबकि मुंबई में 30 हजार मामले सामने आएंगे।
कोरोना (Corona) की तीसरी लहर (Third Wave) के खत्म होने से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि, कोई भी महामारी पहले तेजी से फैलती है फिर उसी रफ्तार से गिरावट देखने को मिलती है। इसलिए इस बार आप पीक के बाद केसों में तेजी से गिरावट देखने को मिलेगी। साउथ अफ्रीका में यह देखने को मिल चुका है। वहीं कोरोना की चौथी लहर से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि, यह मेरा सब्जेक्ट एरिया नहीं है। हालांकि चौथी लहर जब भी आएगी वह नये वेरिएंट के कारण आएगी और इस सवाल का जवाब बायोलॉजिस्ट ज्यादा बेहतर तरीके से दे सकते हैं।
चुनाव आयोग ने देश में 15 जनवरी तक कोरोना (Corona) महामारी को देखते हुए चुनावी रैलियों पर बैन लगा दिया है। इस मुद्दे को लेकर NVR24 ने सवाल किया कि अगर कोविड-19 के केसों में बढ़ोतरी होती है तो क्या इसे चुनावी रैलियों से जोड़कर देखा जा सकता है। इस पर मनिंद अग्रवाल ने कहा कि, इस सूत्र मॉडल में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान 16 राज्यों में आने वाले केसों का अध्ययन किया गया था।
उन्होंने कहा कि, जिस तरह से लहर फैल रही है, उसमें चुनाव से कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। हालांकि चुनावी रैली उन सभी कारणों में से एक है जो संक्रमण को तेजी से फैलाने का कारण बनती है। अगर आप चुनावी रैली को हटा देते हैं, तो इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। जरूरत इस बात की है कि किसी एक कारण पर ध्यान केंद्रित न किया जाए बल्कि सभी पहलुओं पर फोकस किया जाए।