आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी यानी CEO चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को Corona से संक्रमित पाए जाने के बाद एम्स दिल्ली में भर्ती कराया गया है। ICICI बैंक-वीडियोकॉन से जुड़े धन शोधन के मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत बीते सोमवार को ED ने Deepak Kochhar को गिरफ्तार किया था। बाद में मुंबई की एक अदालत ने दीपक को 19 सितंबर तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया था।
केंद्रीय एजेंसी इस मामले में हाल ही में जुटाए गए कुछ नए साक्ष्यों के बारे में अधिक जानकारी हासिल करने के लिए Deepak Kochhar को हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहती है। रिमांड दिए जाने का अनुरोध करते हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने अदालत को बताया था कि Deepak Kochhar जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और उनसे पूछताछ किए जाने की जरूरत है। ED ने अदालत को बताया कि जांच में पाया गया है कि 7 सितंबर 2009 को आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकोन इंटरनेशल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटिड (वीआईईएल) को 300 करोड़ रुपये के कर्ज की मंजूरी दी थी।
ED का कहना है कि जब यह कर्ज वीआईईएल को दिया गया तब Deepak Kochhar की पत्नी चंदा कोचर बैंक की स्वीकृति समिति की प्रमुख थी। प्रवर्तन निदेशालय ने अदालत को बताया जांच में पाया गया है कि कर्ज को मंजूरी मिलने के सिर्फ एक दिन बाद ही वीआईईएल ने इसमें से 64 करोड़ रुपए नू पावर रिन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटिड (एनआरपीएल) को स्थानांतरित कर दिए। पीएमएलए के तहत यह मामला पिछले साल जनवरी में दर्ज किया गया था। एनआरपीएल को पहले नू पॉवर रिन्यूएबल्स लिमिटिड (एनआरएल) के तौर पर जाना जाता था जो दीपक कोचर की कंपनी है।
वहीं Deepak Kochhar के वकील विजय अग्रवाल ने ED द्वारा रिमांड मांगे जाने का विरोध करते हुए कहा था कि उनके मुवक्किल जांच में सहयोग कर रहे हैं और वह करीब 12 बार जांच में शामिल हुए हैं। सभी दस्तावेज जमा कराएं गए हैं। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने और रिमांड के लिए ED की ओर से दाखिल किए गए दस्तावेजों को देखने के बाद अदालत ने कहा कि दीपक कोचर को हिरासत में लेकर पूछताछ करना जरूरी है। अदालत ने कहा कि सभी दलीलों पर विचार करते हुए आरोपियों को ED की हिरासत में भेजा जाता है।