केंद्रीय कैबिनेट ने किसानों के हित में लिया बड़ा फैसला, अब किसी भी राज्य में बेच सकेगें फसल

केंद्रीय कैबिनेट ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत खेती-किसानी के लिए हुई घोषणाओं पर आज मुहर लगा दी। केंद्रीय मंत्री Prakash Javdekar ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि किसानों को आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे से कई कृषि उत्पादों को बाहर करने की घोषणा को कैबिनेट की स्वीकृति मिल गई है। उन्होंने बताया, ‘कैबिनेट मीटिंग में किसानों के लिए तीन बड़े निर्णय हुए। साथ ही, देश में निवेश आकर्षित करने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय हुए और दो निर्णय अलग से भी हुए हैं।’


जावड़ेकर ने कहा, ‘आवश्यक वस्तु कानून की तलवार ने निवेश को रोका। आज इस अनाज, तेल, तिलहन, दाल, प्याज, आलू- ऐसी वस्तुएं आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे से बाहर कर दी गईं। अब किसान इनका योजना के अनुसार भंडारण कर सकता है, बिक्री कर सकता है। इससे किसानों को बहुत फायदा होगा।’ उन्होंने कहा कि किसानों की ये मांग 50 सालों से थी। आज यह मांग पूरी हो गई है।

उन्होंने PM नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग के दौरान लिए गए सभी फैसलों की बारी-बारी से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने आज छह बड़े निर्णय लिए हैं। उन्होंने बताया…

1- किसान अपने उत्पाद कहीं भी बेच सकेगा और उसे ज्यादा दाम देने वालों को उत्पाद बेचने की आजादी मिली है।

2- वन नेशन, वन मार्केट की दिशा में भारत आगे बढ़ेगा। इसके लिए कानून बनेगा।

3- ज्यादा कीमतों की गारंटी पर एक निर्णय हुआ। अगर कोई निर्यातक है, कोई प्रोसेसर है, कोई दूसरे पदार्थों का उत्पादक है तो उसको कृषि उपज आपसी समझौते के तहत बेचने की सुविधा दी गई है। इससे सप्लाइ चेन खड़ी होगी। भारत में पहली बार ऐसा कदम उठाया गया है।

4- निर्णय हुआ है वाणिज्य और उद्योग जगत के लिए। हर मंत्रालय में प्रॉजेक्ट डिवेलपमेंट सेल बनेगी। इससे भारत निवेशकों के लिए ज्यादा आकर्षक और अनुकूल देश बनेगा।

5- कोलकाता पोर्ट को श्यामा प्रसाद मुखर्जी का नाम दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 जनवरी को इसकी घोषणा की थी।

6- फार्मोकोपिया कमिशन की स्थापना का निर्णय हुआ है। फार्मोकोपिया कमिशन होम्योपैथी ऐंड इंडियन मेडिसिन होगी। गाजियाबाद में आयुष मंत्रालय के दो लैब्स हैं। इन दोनों लैब्स का भी इसके साथ मर्जर हो रहा है।

केंद्रीय कैबिनेट की इस हफ्ते यह दूसरी मीटिंग हुई। इससे पहले सोमवार को भी मीटिंग हुई थी जो मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दूसरे वर्ष की पहली कैबिनेट मीटिंग थी। उसमें किसानों, एमएसएमई सेक्टर और रेहड़ी-पटरी पर रोजगार से गुजारा करने वालों का जीवन स्तर उठाने को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए थे।

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