लगभग 70 बच्चों का अश्लील वीडियो बनाकर इंटरनेट पर बेचने वाले उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग के जूनियर इंजीनियर रामभवन की तरह कोई भी Cyber अपराधी लंबे समय तक कानून के शिकंजे से बच नहीं सकेगा। साइबर अपराधियों पर नजर रखने के लिए गृह मंत्रालय पूरे देश में Cyber वालंटियर्स की फौज तैयार करने जा रहा है। इसके लिए सभी राज्यों के पुलिस विभाग को ऐसे वालंटियर्स का रजिस्ट्रेशन करने को कहा गया है।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्रालय के तहत आने वाले इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर ने सभी राज्यों को वालंटियर तैयार करने के लिए फ्रेमवर्क का मसौदा भेज दिया है। उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर समेत कई राज्यों ने वालंटियर्स तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। फ्रेमवर्क के अनुसार, ये वालंटियर स्वैच्छिक रूप से अपने आस-पास साइबर क्राइम पर नजर रखेंगे और इसकी सूचना संबंधित पुलिस अधिकारी को देते रहेंगे। इन वालंटियर्स को कोई आई-कार्ड या पद नहीं दिया जाएगा। लेकिन सेवा देने वाले वालंटियर को पुलिस विभाग में खुद को पंजीकृत कराना होगा। मामले से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बड़ी संख्या में वालंटियर तैयार करने से एक ओर साइबर अपराध और अपराधियों पर नजर रखना आसान हो जाएगा, वहीं इससे आम जनता के बीच साइबर अपराध को लेकर जागरूकता भी बढ़ेगी।
वालंटियर्स की सूचना पर निगरानी का भी पुख्ता प्रबंध
फ्रेमवर्क में वालंटियर्स की ओर से दी गई सूचना पर निगरानी का भी पुख्ता प्रबंध किया गया है। वालंटियर्स की ओर से चिह्नित किए गए कंटेंट की राज्य के Cybercrime का नोडल अधिकारी जांच करेगा और उसके बाद जांच करने वाला पुलिस अधिकारी भी उसके सही या गलत होने की तस्दीक करेगा। ऐसा इसीलिए किया गया है, ताकि वालंटियर अपनी निजी दुश्मनी या विचारधारा की आड़ में किसी दूसरे व्यक्ति को फंसाने की कोशिश नहीं कर पाए। इसमें दोषी पाए जाने वाले वालंटियर का पंजीकरण रद भी किया जा सकता है।
तीन श्रेणी में पंजीकृत होंगे वालंटियर्स
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वालंटियर्स तीन श्रेणियों में अपने को पंजीकृत कर सकते हैं। पहली श्रेणी ऐसे वालंटियर्स की होगी, जो साइबर क्राइम के बारे में समाज में जागरूकता फैलाने का काम करेंगे। दूसरी श्रेणी में ऐसे विशेषज्ञ वालंटियर्स होंगे, जो इंटरनेट पर ऐसे कंटेंट को ढूंढकर पुलिस को इसकी जानकारी देंगे। तीसरी श्रेणी में ऐसे वालंटियर्स होंगे, जो कहीं भी आपत्तिजनक कंटेंट दिखने पर उसे चिह्नित कर पुलिस को सतर्क कर देंगे। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इंटरनेट के बढ़ते दायरे और Cybercrime के आयाम को देखते हुए इसकी जिम्मेदारी सिर्फ कुछ एजेंसियों पर नहीं छोड़ी जा सकती है। आम जनता की भागीदारी से ऐसे अपराधियों को आसानी से पकड़ा जा सकता है।