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कोरोना की जंग में सांसों का संघर्ष- वेंटीलेटर पर देश, सड़क पर मरीज -दोनों दमतोड़ रहे

कोरोना कहर के बीच दिल्ली में ऑक्सीजन को लेकर हाहाकार है। इस बीच दिल्ली में एक और दर्दनाक हादसा सामने आया है। दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी की वजह से पिछले 24 घंटे में 25 मरीजों की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि अस्पताल के पास अब महज दो घंटे की ही ऑक्सीजन बची है और करीब 65 मरीजों की जान पर खतरे में है।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर ने बताया कि अस्पताल में पिछले 24 घंटे में 25 बीमार मरीजों की मौत हो गई है। अस्पताल में ऑक्सीजन बस दो घंटे और चलेगी। वेंटिलेटर और Bipap प्रभावी ढंग से काम नहीं कर रहे हैं। ऑक्सीजन की तत्काल आवश्यकता है। ऑक्सीजन की कमी की वजह से 60 अन्य बीमार मरीजों की जान जोखिम में है।

दिल्ली में सर गंगा राम अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर ने आगे कहा कि आईसीयू और आपात-चिकित्सा विभाग में गैर-मशीनी तरीके से वेंटिलेशन बहाल करने का प्रयास किया जा रहा है। बता दें कि राजधानी दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के बाद कई अस्पतालों ने कोरोना पीड़ित नए मरीजों को भर्ती करना बंद कर दिया है।

फिलहाल, दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में 500 से ज्यादा संक्रमित मरीज भर्ती हैं और इनमे से 150 मरीज ‘हाई फ्लो ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं। अस्पताल के अधिकारियों ने गुरुवार रात सरकार को आपात संदेश भेजकर कहा था कि स्वास्थ्य केंद्र में केवल पांच घंटे के लिए ऑक्सीजन बची है और तुरंत इसकी आपूर्ति का अनुरोध किया था। पिछले चार दिनों में शहर के कई निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति व्यवस्था प्रभावित हुई है। कुछ अस्पतालों ने दिल्ली सरकार से मरीजों को दूसरे स्वास्थ्य केंद्रों में भी भेजने का अनुरोध किया।

हॉस्पिटलों में ऑक्सीजन की कमी से अब डॉक्टर्स भी हिम्मत हारने लगे हैं। कई ऐसे वीडियोज सामने आए हैं जहां हॉस्पिटल मैनेजमेंट या डॉक्टर्स कोरोना के बीच ऑक्सीजन खत्म होने के डर से रोते दिखाई दिए हैं। दिल्ली के शांति सुकंद हॉस्पिटल के सीईओ सुनील सागर का ऐसा ही वीडियो देख सुष्मिता सेन दुखी हो गईं। उन्होंने ऑक्सीजन भेजने की इच्छा जताई। इस पर एक यूजर ने सवाल उठाया कि मुंबई में भी कमी है तो वह दिल्ली सिलेंडर क्यों भेजना चाहती हैं। सुष्मिता ने इसका जवाब भी दिया है।

कोरोना वायरस (Coronavirus) का प्रकोप दुनिया के शीर्ष पर्वतों में से एक माउंट एवरेस्ट (Mount Everest) पर भी पहुंच गया है. हाल में नॉर्वे के एक पर्वतारोही अर्लेंड नेस (Erlend Ness) में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है. इस खबर के बाद से ही नेपाल की बंपर पर्वतारोहियों के आने की उम्मीदों पर पानी फिर गया है. नेपाल ने इलाज की मुश्किलों के बावजूद ज्यादा से ज्यादा पर्वतारोहियों को आकर्षित करने के लिए क्वारंटीन नियमों में ढील दी थी.

नेस को चट्टानों से हेलिकॉप्टर की मदद से निकाला गया है. एवरेस्ट पर बेस कैंप में समय बिताने के बाद फिलहाल उनका नेपाल की राजधानी काठमांडू के अस्पताल में इलाज चल रहा है. नेस का इंटरव्यू करने वाले नॉर्वेजियन ब्रॉडकास्टर ने कहा था कि उनके दल में शामिल शेरपा भी संक्रमित पाया गया है. उन्होंने कहा ‘मैं वास्तव में यह उम्मीद करता हूं कि पहाड़ की ऊंचाई पर कोई और संक्रमित नहीं होगा. जब लोग 8 हजार मीटर से ज्यादा की ऊंचाई पर होते हैं, तो उन्हें हेलिकॉप्टर से निकालना नामुमकिन हो जाता है.’

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