कोरोना वायरस के संक्रमण से मुकाबले के लिए केंद्र सरकार युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है। जिस तरह से देश में पिछले दो दिनों में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या में इजाफा हुआ है उसे देखते हुए लॉकडाउन की अवधी को आगे बढ़ाया जा सकता है। जिस तेजी से बिमारी फैल रही है उसे देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि कि लक्षण रहित व्यक्ति से दूसरे लोगों को संक्रमण संभव है और ये भारत के लिए एक चिंता का विषय भी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता लव अग्रवाल ने बीते बुधवार को इस बाबत कहा था कि जिस संक्रामक रोग से हम आज लड़ रहे हैं उसने भारत ही नहीं पूरी दुनिया को कठिन स्थिति में डाल दिया है। यह भारत के लिए बड़ी चिंता का कारण है कि इस बीमारी में केवल वो लोग ही नहीं जिनमें लक्षण नजर आ रहे हैं। बल्कि लक्षण रहित लोग भी संक्रमण के वाहक हो सकते है। हालांकि भारत अभी इस स्थिती में नहीं आया है लेकिन सावधानी बरतने की जरूरत है। इस चुनौती के निपटने के लिए जरूरी है कि हम सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। जिससे अन्य लोगों में इसका संक्रमण ना हो।
इस बीच खबर ये भी है कि केंद्र सरकार ने इस बात को भी माना कि अस्पतालों में चिकित्साकर्मी भी इस संक्रमण का शिकार हो रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक बहुत कम संख्या में डॉक्टरों में भी ये संक्रमण पहुँच रहा है, इसके लिए जरूरी है कि इस बात पर खास ज़ोर दिया जाए कि अस्पतालों में इस संक्रामक रोग के खिलाफ रोकथाम और बचाव के सभी उपायों का पूरी तरह पालन किया जाय। इसके लिए लगातार लगातार अस्पताल को सेनेटाइज करने का काम किया जा रहा है साथ ही हॉस्पिटल के स्टाफ की भी समय-समय पर जांच की जा रही है, और जिसमें भी थोड़े से भी कोरोना जैसे लक्षण नजर आ रहे हैं उन्हें फौरन जांच की सलाह दी जा रही है।
आपको बता दे, बीते सप्ताह देश में 50 से अधिक चिकित्साकर्मियों के कोविड19 की चपेट में आने की पुष्टि हुई थी। वहीं लगातार बढ़ रहे इन मामलों के साथ ये आंकड़ा भी बढ़ रहा है। ऐसे में प्राथमिक स्तर पर जो मेडिल स्टाफ, नर्स और डॉक्टर्स की सुरक्षा के इतंजाम पर जोर दिया जा रहा है। बता दें भारत में इस वक्त कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 5274 हो गई है वहीं मरने वालों के आंकड़ो में भी तेजी से इजाफा हुआ है।