दुनिया भर में कोरोना (Corona) की स्थिति में कोई सुधार होता नहीं दिख रहा है लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation -WHO) के इमरजेंसी हेड डॉ. माइकल रेयान (Dr. Michael Ryan) का कहना है कि इस साल कोरोना (Corona) पर लगी पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी समाप्त हो सकती है। डब्ल्यूएचओ ने 2020 में कोरोना पर विश्व स्वास्थ्य आपातकाल (public health emergency) घोषित किया था। डॉ. रेयान ने कहा है कि अगर हम गरीब और अमीर देशों के बीच वैक्सीन और दवाओं के वितरण में भारी असमानताओं को दूर कर लेते हैं तो इस साल कोरोना वायरस (Corona virus) की दुश्वारियां, इससे होने वाली मौतें, अस्पतालों में भर्ती और लॉकडाउन के सिलसिला को रोक सकते हैं।
वायरस कभी खत्म नहीं होंगे
डॉ. रेयान ने कहा, ‘हम इस वायरस को अब कभी खत्म नहीं कर सकते क्योंकि ये वायरस अब हमारे इकोसिस्टम का हिस्सा बन चुके हैं लेकिन अगर हम कुछ चीजों को कर सकते हैं तो हमारे पास पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी को खत्म करने का अच्छा मौका मिल सकता है।’ डब्ल्यूएचओ (WHO) के इमरजेंसी प्रमुख ने गरीब और अमीर देशों के बीच वैक्सीन की असमानता को भयानक नैतिक विफलता करार दिया है। उन्होंने कहा है कि यह विडंबना ही है कि एक तरफ अमीर देशों में 80 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन की दोनों खुराकें लग चुकी हैं तो दूसरी तरफ गरीब देशों में अब तक 10 प्रतिशत लोगों को भी वैक्सीन की एक भी खुराक नहीं मिली है।
अब तक 55 लाख की मौत
डॉ. रेयान एक वर्चुअल सम्मेलन में विश्व के नेताओं और बिजनेसमैन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना (Corona) से लड़ने के लिए अगर हम संसाधनों और वैक्सीन को निष्पक्ष रूप से दुनिया के हर हिस्सों में नहीं पहुंचाएंगे तो हमारे लिए कोरोना (Corona) महामारी की यह त्रासदी इसी तरह जारी रहेगी जैसी फिलहाल है। कोरोना (Corona) के कारण अब तक विश्व में 55 लाख लोगों को मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी आबादी के अधिकतम हिस्सों तक वैक्सीन पहुंचानी होगी ताकि कम से कम लोगों को कोरोना संक्रमण हो और किसी को इससे मरना न पड़े।
क्या होती है पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी
पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी तब जारी की जाती है जब किसी बीमारी को लेकर असाधारण स्थिति पैदा हो जाती है। यह महामारी का रूप ले सकती है और इसके एक देश से दूसरे देश में फैलने की आशंका बढ़ जाती है। किसी भी बीमारी या संक्रमण पर अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य आपात स्थिति की घोषणा करने की दो कसौटियां हैं। पहला, बीमारी का खतरा एक से ज्यादा देशों में होना चाहिए। दूसरा बीमारी की रोकथाम के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग और समन्वित प्रयासों की जरूरत हो. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अब तक छह बार पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित की है।