कोविड-19 की चपेट में दुनिया के 150 से ज्यादा देश आ चुके हैं और 9000 से ज्यादा लोग इस महामारी के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं। भारत में भी 173 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं वहीं 4 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं जिस तरह से लगभग पूरा विश्व लॉक डाउन की स्थिती पैदा हो गई है उसे देखते हुए वो दिन दूर नहीं जब पूरा विश्व आर्थिक मंदी की मार झेलने को मजबूर हो जाएगा। बीते दो महीनों में कोरोना वायरस के असर से विश्व के कई देशों के शेयर बाजार पूरी तरह टूट चुके हैं वहीं अधिकांश देशों में कारोबार पूरी तरह से ठप्प हो चुका है। भारत भी इससे अछूता नहीं है।
इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन यानी ILO ने आशंका जताई है कि अगर स्थिती ऐसी ही बनी रही तो दुनियांभर में 25 मिलियन से ज्यादा लोग बेरोजगार हो सकते हैं। ऐसे में हर देश को अपने कर्मचारियों के हितों को सुरक्षित रखना जरूरी है। इसके अलावा ILO ने ये भी कहा कि अगर पूरी दुनियां की सरकारें मिलकर प्रयास करें तो इस ग्लोबल आर्थिक मंदी से बचा जा सकता है। जैसा की साल 2008-09 में देखा गया था। ILO के मुताबिक विश्व में करीब 53 लाख लोगों की नौकरियां जा सकती हैं और बेहद खराब दूसरी स्थिति में करीब 2.5 करोड़ लोगों की नौकरियां जाने का खतरा है।
वहीं इस मामले पर भारत के केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का कहना है कि आर्थिक बाजारों की वित्तीय हालत बेहद खस्ता हो रही हैं, ऐसे में यह काफी अहम है कि लिक्विडिटी बढ़ाकर उन्हें स्थिरता दी जाए। इसे देखते हुए 20 मार्च को 10,000 करोड़ रुपये के सरकारी बॉन्ड के तौर पर ओपन मार्केट ऑपरेशंस को खरीदेगा।