वैश्विक महामारी बनकर 2 लाख से ज्यादा जिंदगियां लील चुके Coronavirus के वैक्सीन का अमेरिका में जल्द ही ह्यूमन ट्रायल शुरू होने वाला है। Corona की यह Vaccine इंजेक्शन में न होकर टेबलेट के रूप में है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि इस Vaccine का बड़े पैमाने पर उत्पादन इसी साल के अंत से शुरू हो सकता है। इससे पहले इजरायल और इटली भी Vaccine बनाने का दावा कर चुके हैं।
अमेरिकी बॉयोटेक कंपनी वैक्सार्ट का मुख्य वैज्ञानिक और इम्यूनोलॉजिस्ट डॉ सीन टकर कैलिफोर्निया स्थित लैब में में कई अलग-अलग Vaccine का परीक्षण कर रहे हैं। जिनमें से कुछ जुलाई के शुरू में ह्यूमन ट्रायल के दौर में प्रवेश करेंगे। बड़ी बात यह है कि ये सभी Vaccine इंजेक्शन के बजाय टैबलेट की शक्ल में होंगी।
डॉक्टर टकर को उम्मीद है कि इस साल के अंत या अगले साल की शुरुआत में Corona की Vaccine का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू कर देंगे। उन्होंने अमेरिकी सरकार द्वारा वैक्सीन की खोज के लिए जारी किए गए कम बजट की तारीफ भी की। डॉ टकर जनवरी से ही Corona वैक्सीन की खोज के लिए अपनी लैब में 8 सदस्यीय टीम के साथ सप्ताह के सातों दिन काम कर रहे हैं।
यह वैक्सीन मरे हुए एंडेनोवायरस से बनाई गई है। एंडेनोवायरस के कारण ही मानव शरीर में सामान्य सर्दी पैदा होती है। एंडेनोवायरस ज्यादा हानिकारक नहीं होता। बचपन में होने वाली 10 फीसदी बीमारियां इसी वायरस के कारण होती हैं।
Coronavirus के इलाज के लिए दवा की खोज में रूस को सकारात्मक नतीजे मिले हैं। रूस के डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) और टॉप फार्मेसी ग्रुप ChemRar ने ऐलान किया है कि Favipiravir नाम की दवा के ट्रायल में 60% मरीज Coronavirus के लिए निगेटिव पाए गए। अस्पताल में भर्ती 40 मरीजों पर रैंडम तरीके से क्लिनिकल ट्रायल किया गया था। ट्रीटमेंट के 5 दिन बाद वे निगेटिव पाए गए। इस प्रॉजेक्ट के लिए RDIF ने 2 मिलियन डॉलर का फंड दिया है।