कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश में करीब 50 दिनों से लॉकडाउन लागू है ऐसे में इतने लंबे समय से घरों में रहने के कारण लोग कई तरह की मानसिक परेशानी भी महसूस करने लगे हैं। वहीं एंग्जायटी डिसआर्डर, डिप्रेशन जैसे समस्या से ग्रसित हो रहे हैं। इसे लेकर मनो चिकिस्तकों का भी कहना है कि लॉकडाउन और क्वारंटाइन होने की वजह से असुरक्षा की भावना से ग्रसित कुछ लोगों की मानसिक स्थिति पहले की तुलना में कुछ बिगड़ने लगी है। लोग एंग्जायटी डिसआर्डर, डिप्रेशन को लेकर मनोचिकित्सक और मनोवैज्ञानिक से संपर्क कर रहे हैं। इसको लेकर डॉक्टरों का मानना है कि डिप्रेशन कई तरह के होते हैं। इस समय लोगों में डिप्रेशन का कारण अनिश्चितता, जॉब जाने का डर और फाइनेंसियल लॉस भी हो सकता है। लॉकडाउन की वजह से लोगों भी घबराट ज्यादा बढ़ गई है। ऐसे स्थिती में लोगों में पहले उदासी, लोगों से बात नहीं करना, सुसाइडल टेंडेसी आना, खाना कम खाना, नींद में बहुत दिक्कत होना और होपलेसनेस जैसा महसूस करने लगते हैं।
ऐसे में मनोचिकित्सकों के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान लोगों को कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। सोने में किसी तरह की कोई दिक्कत न हो इसका विशेष ख्याल रखना होगा। खाने में संतुलित आहार लेना होगा। लोग पानी ज्यादा से ज्यादा पीएं, जिससे आपकी इम्यूनिटी पावर बढ़ेगी। खाने में विटामिन की मात्रा अधिक हो इसका विशेष ख्याल रखें। जो व्यक्ति डॉक्टरों की सलाह पर दवा ले रहे हैं वह डेली चार्ट बना कर डॉक्टर की सलाह मानें। इसके साथ ही जिन व्यक्तियों को डांस, गाना, खेल, पेंटिंग्स और टीवी देखने में आनंद आता है, वह अपने आपको इनमें व्यस्त रखें। इससे उनको खुशी महसूस होगी। वहीं जो छात्र हैं वो रोज अपने आपको एकेडमिक काम में व्यस्त रखें। इसके अलावा आप अपने आप को डिप्रेशन से मुक्त रखने के लिए अध्यात्म के साथ आपने आपको जोड़े। इसके लिए घर पर ही पूजा-पाठ में लगे रहें। अपने आपको स्वस्थ रखने के लिए घर में ही योग और व्यायाम करें। इससे आपको नींद अच्छी आएगी। वहीं सोने के चार घंटे पहले तक स्ट्रेस से रिलेटेड एक्सरसाइज बिल्कुल ना करें।