चीन के वुहान से शुरू होकर कोरोना वायरस ने आज पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है। अब तक लोखों लोग अपनी जान गवा चुके हैं। वहीं लाखों अभी भी कोरोना संक्रमित है। अब तक इस जानलेवा वायरस को खत्म करने के लिए कोई वैक्सीन नहीं बन पाया है। वहीं वायरस से बचाव के लिए करीब करीब पूरी दुनियां में पिछले 3 महीने से भी ज्यादा समय से लॉकडाउन लागू है। ऐसे में कामकाज ठप्प होने की वजह से विश्व के सामने वैश्विक मंदी की समस्या खड़ी हो गई है। इसी बीच कई देशों की ओर से चीन पर आरोप लगाया गया कि इस जानलेवा वायरस की उत्पत्ति चीन के शहर वुहान में स्थित एक लैब से हुई है। हालांकि उस लैब के प्रमुख ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वास्तव में इसका कोई आधार नहीं है। साथ ही यह भी कहा कि अभी तक इसकी कोई ठोस पुष्टी नहीं हो पाई है कि कोविड-19 कोरोना वायरस की शुरूआत कहा से हुई है।
इसके साथ ही कुछ अन्य देशों के वैज्ञानिको का कहना है कि SARS-CoV-2 नाम का वायरस भी वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (WIV) की लापरवाही की वजह से दुनियांभर में फैला था। SARS-CoV-2 की वजह से दो लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी, और अब ये कोविड-19 भी चीन के उसी वुहान शहर से फैला है। साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि चीन इसका पहला मामले पिछले साल नवंबर-दिसंबर में सामने आया था लेकिन शुरूआत में चीन ने इसे पूरी दुनियां से छिपाया। वहीं कुछ का दावा है कि कोरोनो वायरस स्वाभाविक रूप से विकसित हुआ है।
हालाकि चीन ने शुरू से अपने उपर लगे इन आरोपो को खारिज किया है। बता दें वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (WIV) में प्रोफेसर और इसकी नेशनल बॉयोसैफ्टी लैबोरेटरी के निदेशक युआन जिमिंग ने कहा कि ऐसा दावा करना कि ये लैब से किसी लापरवाही से निकला सारासर गलत है। वहीं चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से इस बात को भी खारिज कर दिया कि वुहान के लैब की किसी गलती की वजह से कोरोना वायरस लीक कर गया, जहां चमगादड़ को लेकर रिसर्च किया जा रहा था। उन्होंने दावा किया कि लैब में जैव सुरक्षा प्रक्रियाओं को सख्ती से लागू किया गया था। और इसमे चीन की कोई गलती नहीं है।