देश में कोरोना से जारी इस जंग में फिलहाल लॉकडाउन 17 मई तक लागू है। लेकिन लॉकडाउन के इस तीसरे चरण में कई तरह के छूट भी सरकार की ओर से दिए गए है। जिसमें कई जरूरी दुकानों के साथ साथ उद्योगों को भी 50 प्रतिशत कामगारों के साथ फिर से खोलने की इजाजत दी गई है। इसके साथ ही देश के सभी राज्यों में ऐसे कई जिले हैं जहां कोरोना का संक्रमण ना के बराबर है और वो ग्रीन जोन के अंदर आता है ऐसे जिलों में भी कई तरह की रियायत दी गई है। इसी कड़ी में राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में भी कुछ छूट दी गई हैं। हालांकि वैसे तो नोएडा रेड जोन में आता है लेकिन केंद्र सरकार के निर्देशानुसार अब नोएडा प्रशासन ने रियायतें पहले की तुलना में बढ़ा दी हैं।
आपको बता दें प्रशासन ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि नोएडा में इंडस्ट्रियल एक्टिविटी शुरू हो सकती है। इसके लिए इन इंडस्ट्रीज को ऑनलाइन फॉर्म जमा करना होगा और प्रशासन उस पर अपनी अनुमति देगा जिसके बाद कामकाज शुरू हो सकता है। वहीं इसके लिए कर्मचारियों को अलग से पास की जरूरत नहीं होगी वो कंपनी की आई कार्ड पर ही काम करने जा सकते हैं। निजी दफ्तर भी अब केंद्र सरकार के आदेश के मुताबिक खुल सकते हैं और कामकाज शुरू हो सकता है। इसके अलावा सभी सरकारी दफ्तरों में कामकाज पहले से ही चल रहा है और वहां पर काम करने वाले लोगों को किसी तरह के पास की कोई जरूरत नहीं होगी। नोएडा प्रशासन ने ये भी साफ किया कि पहले की तरह ही अभी भी नोएडा की सीमा सील रहेगी, और नोएडा से पड़ोसी शहरों और ज़िलों से आना जाना मुमकिन नहीं होगा। इसके लिए प्रशासन से अनुमति लेनी होगी। आपको बता दें नोएडा प्रशासन ने ये भी साफ कर दिया है कि जो इलाके हॉटस्पॉट के तहत कंटेनमेंट ज़ोन बनाए गए हैं वहां पर अभी भी सिर्फ एमरजेंसी सर्विसेज ही चलेंगी वहां पर किसी भी तरह की कोई रियायत फिलहाल नहीं है।
वहीं इस मामले पर नोएडा प्रशासन ने ये भी साफ किया है कि जो इलाके कंटेनमेंट ज़ोन में नहीं आते वहां पर हफ्ते में दो बार इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, बिजली का काम करने वाले, आरओ सर्विस वाले और इंटरनेट सर्विस वाले लोगों को आने जाने की अनुमति दे दी है। वहीं घर पर काम करने वालों की बात करें तो ऐसे लोगों को घर घर जा कर काम करने की अनुमति दी जाएगी या नहीं ये तय करने की जिम्मेदारी आरडब्ल्यूए को ही दे दी है। वहीं अभी भी नोएडा प्रशासन ने लोगों को बे-वजह घरों से निकलने की मंजूरी बिल्कुल नहीं दी है। वहीं प्रशासन की ओर से ये भी कहा गया है कि जितना मुमकिन हो सके लोगों को घरों तक ही जरूरत के सामान पहुंचाया जा सके जिससे कि घर से बाहर निकलने की जरूरत कम से कम पड़े।