कोरना वायरस की माहामारी से निपटने के लिए और इस वायरस के वैक्सीन पर दुनियाभर के वैज्ञानिक काम कर रहे हैं, लेकिन अभी तक किसी को सफलता हाथ नहीं लगी है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए कई देशों ने प्लाजमा थेरेपी का सहारा लिया और इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आए। भारत में भी प्लाजमा थेरेपी के जरिए बीते दिनों दिल्ली में कोरोना मरीज के स्वस्थ्य होने के खबर सामने आई थी।अब भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद यानी ICMR ने कोविड-19 से जुड़ी जटिलताओं को सीमित करने के मकसद से इस बीमारी से स्वस्थ्य हुए लोगों के प्लाज्मा के प्रभाव का आकलन करने के लिए 21 संस्थानों को एक अध्ययन में शामिल होने की मंजूरी दे दी है। अधिकारियों ने बताया कि इसमें 452 नमूने शामिल किये जाएंगे। आपको बता दें इस अध्ययन में कोविड-19 से उबर चुके लोगों के ब्लड प्लाजमा से एंटीबॉडी लेकर उन्हें कोरोना वायरस के रोगी के शरीर में चढ़ाया जाता है जिससे संक्रमण से लड़ने में प्रतिरोधी क्षमता काम करना शुरू कर सकती है।
आपको बता दें प्लाजमा थेरेपी पर आईसीएमआर ने कहा कि उसने कई केंद्रों पर क्लीनिकल परीक्षण की पहल की है जिसे प्लासिड ट्रायल नाम दिया गया है। इसके साथ ही आईसीएमआर की ओर से ये भी कहा गया कि 90 और अस्पतालों ने भी परीक्षण के तहत आवेदन किया है जिस पर अभी विचार किया जा रहा है।
इस वक्त देश में बड़ी संख्या में स्वास्थ्य कर्मियों और सुरक्षाकर्मियों के कोरोना संक्रमित होने के साथ ही कोविड-19 के रोगियों की कुल संख्या 50 हजार से भी ज्यादा हो गई है। वहीं पश्चिम बंगाल, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में कोरोना संक्रमण से मौत के आंकड़ों में भी तेजी से इजाफा हुआ है। महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 1200 से अधिक मामले सामने आए है।