लॉकडाउन में प्याज ने निकाले किसानों के आंसू, नहीं मिल रहे सही दाम

प्याज के नाम पर देश में कई बार सरकारें गिर चुकी हैं। प्याज के नाम पर कई बार राजनीति भी हुई है। अब ये ही प्याज एक बार फिर खबरों में है। दरअसल देश में कोरोना संकट की वजह से जारी लॉकडाउन ने प्याज के किसानों की आंसू निकाल दिए हैं। खेत में तैयार प्याज़ की फ़सल के ठीक दाम ना मिलने से प्याज किसान आर्थिक तंगी का सामना करने को मजबूर हैं। राजस्थान के जोधपुर जिले में प्याज की अच्छी पैदावार हुई है। ऐसे में जहां किसानों को इस साल प्याज के अच्छे दाम मिलने की उम्मीद थी तो वहीं ठीक इसके उलट लॉकडाउन की वजह से प्याज़ किसानों को अपनी फ़सल की लागत से बहुत कम दाम मिल रहे हैं। जिससे वो अपनी फसल को औने-पौने दामों पर बेचने को मजबूर हैं। तो वहीं हजारों रूपए की तैयार फसल खेलों में सड़ रहे हैं। हाल ये है कि जिस प्याज़ की उपज करने में प्रति किलो बारह रुपए की की लागत आ रही है वहीं प्याज़ अब बाजारों में सिर्फ़ 3 से 4 रुपए किलो बिक रहे हैं।

आपको बता दें राजस्थान के जोधपुर जिले में हर साल 5 लाख मैट्रिक टन प्याज की फसल तैयार होती है। इसकी लागत कीमत करीब 600 करोड़ रूपए आती है लेकिन कोरोना संकट काल में लॉकडाउन की वजह से बाजार में प्याज बेचने पर मात्र 200 करोड़ ही मिल पा रहे हैं। जिससे किसानों को बहुत बड़े नुकसान की आशंका सता रही है। लॉकडाउन के चलते बोरी की कीमत भी तीन चार गुना बढ़ चुकी है जिससे किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है। जहां पहले एक बोरी की कीमत मात्र 12 रूपए थी वहीं अब एक बोरी की कीमत बढ़कर 40 रूपए तक हो गई है। जिससे किसान तैयार फसल को खेतों में ही छोड़ने को मजबूर है।

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