रक्षा मामलों पर संसदीय समिति की बैठक से वॉकआउट करने वाले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष Rahul Gandhi ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को चिट्ठी लिखी है। Rahul Gandhi ने बैठक में बोलने का मौका ना देने को लेकर ओम बिरला को पत्र लिखा है। Rahul Gandhi ने कहा कि सदस्यों को मुद्दे उठाने का अधिकार है।
चिट्ठी में Rahul Gandhi ने कहा कि रक्षा संसदीय दल के मेंबर होने के नाते उनको यह अधिकार है कि वो कोई मुद्दा उठा सकते हैं। मगर किसी एक मेंबर को बोलने की अनुमति ही नहीं दी जाए, यह गैर लोकतांत्रिक है और उनके अधिकारों का हनन है।
गौरतलब है कि बुधवार को रक्षा संसदीय दल की बैठक थी, जिसमें Rahul Gandhi समेत 2 और सांसदों ने बैठक का बहिष्कार किया था। कांग्रेस का आरोप है कि Rahul Gandhi को चेयरमैन ने बोलने नहीं दिया जिसके बाद उनके पास कोई और उपाय नहीं रह गया था।
राहुल गांधी ने की थी चीन पर चर्चा की मांग
इससे पहले Rahul Gandhi ने आरोप लगाया कि संसदीय समिति ने सशस्त्र सेनाओं की यूनिफॉर्म पर चर्चा करके समय खराब किया। सूत्रों के मुताबिक, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत कमेटी को रक्षा यूनिफॉर्म के बारे में जानकारी दे रहे थे, उस समय Rahul Gandhi ने हस्तक्षेप किया कि आखिर देश की तैयारी लद्दाख में क्या है? चीन के खिलाफ हमारी क्या रणनीति है, इस पर चर्चा हो।
राहुल गांधी ने कहा कि देश के सियासतदानों को सेना की यूनिफार्म पर चर्चा करने के बजाए राष्ट्रीय सुरक्षा के अहम मसलों पर चर्चा करनी चाहिए। कमेटी के अध्यक्ष जुअल ओराम ने Rahul Gandhi को बीच में बोलने से रोका। उसके बाद Rahul Gandhi बैठक से वॉकआउट कर गए और उनके साथ साथ राजीव सांचा और रेवंथ रेड्डी भी बैठक से बाहर निकल गए।
दरअसल, Rahul Gandhi लगातार चीन के साथ लद्दाख सीमा पर जारी विवाद को उठाते रहे हैं और प्रधानमंत्री Narendra Modi पर आक्रामक अंदाज में निशाना साधते आए हैं। Rahul Gandhi की ओर से दावा किया गया था कि चीन भारत की सीमा में घुस चुका है और काफी जमीन पर कब्जा कर लिया है. लेकिन PM मोदी चीन से डरते हैं, इसलिए कुछ नहीं कर पा रहे हैं।
मई में लद्दाख सीमा पर शुरू हुए विवाद के मसले पर Rahul Gandhi कई बार सोशल मीडिया, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार को घेर चुके हैं। इसके अलावा नेपाल, बांग्लादेश के साथ रिश्तों को लेकर भी कांग्रेस मोदी सरकार पर निशाना साध चुकी है।