अब देश में जल्द ही नेशनल हाइवे पर बिना रोकटोक के वाहन दौड़ सकेंगे। देश के सभी नेशनल हाइवे से Toll Plaza को बंद कर दिया जाएगा। यह जानकारी केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने दी है। एसोचैम फाउंडेश वीक कार्यक्रम कार्यक्रम में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री Nitin Gadkari ने कहा कि सरकार देशभर में वाहनों की बिना रोकटोक के आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए GPS आधारित तकनीक टोल संग्रह को अंतिम रूप दिया है। उन्होंने कहा कि इससे आने वाले 2 सालों में भारत ‘टोल प्लाजा मुक्त’ हो जाएगा।
सीधे बैंक के खाते से काटी जाएगी टोल की राशि
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री Nitin Gadkari ने कहा कि वाहनों की आवाजाही के आधार पर टोल की राशि सीधे बैंक खाते से काट ली जाएगी। हालांकि, अब सभी कॉमर्शियल वाहन ट्रैकिंग सिस्टम के साथ आ रहे हैं। इसके साथ ही सरकार पुराने वाहनों में जीपीएस (Global Positioning System) तकनीक स्थापित करने के लिए कुछ योजना लेकर आएगी।
जीपीएस आधारित टोल वसूली की तैयारी
केंद्रीय मंत्री Nitin Gadkari ने टोल वसूली के लिए Global Positioning System आधारित व्यवस्था की तैयारी की जानकारी भी दी। इस मामले में रूस के पास विशेषज्ञता है। इस व्यवस्था में दूरी के हिसाब से टोल की राशि कट जाती है। उन्होंने दो साल में यह व्यवस्था लागू हो जाने की बात कही। केंद्रीय मंत्री ने अगले 5 साल में टोल कलेक्शन 1.34 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच जाने का भरोसा भी जताया। गडकरी ने वायबिलिटी गैप फंडिंग की व्यवस्था को इन्फ्रास्ट्रक्चर के अतिरिक्त अन्य सेक्टर में लागू करने का भी एलान किया। अब सोशल सेक्टर, स्वास्थ्य एवं शिक्षा क्षेत्र में भी वायबिलिटी गैप फंडिंग की सुविधा मिलेगी।
FASTags के चलते कम हुई ईधन की खपत
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार देश भर में वाहनों की स्वतंत्र आवाजाही बनाने के लिए यह खास कदम उठा रही है। उन्होंने बताया कि पिछले एक साल में केंद्र सरकार ने देश के सभी Toll Plaza पर FASTags अनिवार्य कर दिया है। गडकरी ने कहा कि नेशनल हाईवे टोल प्लाजा पर FASTags की अनिवार्यता के बाद ईधन की खपत कम हुई है। इसके अलावा प्रदूषण पर भी काफी लगाम लगी है।
कार्यक्रम में बोलते हुए मंत्री ने कहा कि औद्योगिक विकास भारत में रोजगार सृजन और गरीबी उन्मूलन के लिए महत्वपूर्ण है, हालांकि वर्तमान में उद्योग भारत में शहरी क्षेत्रों में केंद्रीकृत है क्योंकि इस तरह के उद्योग का विकेंद्रीकरण विकास दर को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है क्योंकि बढ़ते शहरीकरण से शहरों में गंभीर समस्याएं पैदा हो रही हैं। जैसे दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, और अन्य। उन्होंने बुनियादी ढांचे के विकास में सार्वजनिक-निजी निवेश को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। Nitin Gadkari ने बुनियादी ढांचे के विकास में सार्वजनिक-निजी निवेश को बढ़ावा देने की आवश्यकता भी व्यक्त की है।