Nav Sankalp Shivir in Udaipur

Congress Chintan Shivir: उदयपुर से कांग्रेस का संदेश, पहले खुद बनेंगे मजबूत फिर करेंगे गठबंधन

Congress Chintan Shivir: अपने इतिहास के सबसे असाधारण राजनीतिक संकट का सामना कर रही कांग्रेस उदयपुर (Udaipur) चिंतन शिविर (Chintan Shivir) में पार्टी के संगठनात्मक सुधारों को एक निश्चित समयसीमा में कार्यान्वित करने का रोडमैप तय करेगी। पार्टी का मानना है कि जब तक कांग्रेस (Congress) कमजोर रहेगी, तब तक विपक्ष का गठबंधन मजबूत नहीं बनेगा। इसलिए उदयपुर (Udaipur) का सबसे स्पष्ट राजनीतिक संदेश यही होगा कि केवल मजबूत कांग्रेस (Congress) ही ताकतवर विपक्षी विकल्प की गारंटी होगी।
सियासी जमीन बचाना प्राथमिकता

उसके लिए पार्टी की सियासी जमीन बचाना सर्वोपरि होगा और गठबंधन दूसरी प्राथमिकता। इस बात के भी पुख्ता संकेत हैं कि नेतृत्व को लेकर उठते सवालों को खत्म करने के लिए चिंतन बैठक में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को दोबारा कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की मांग एक बार फिर जोर-शोर से उठेगी।

मुश्किल दौर से गुजर रही पार्टी

कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी के संगठनात्मक सुधारों और सियासी रणनीति से लेकर सामाजिक- राजनीतिक मुद्दों पर अपनी स्पष्ट रूपरेखा चिंतन शिविर (Chintan Shivir) में निर्धारित करेगी। पार्टी इस हकीकत को स्वीकार कर रही है कि यह उसके राजनीतिक सफर का सबसे गहरे संकट का दौर है, जब केवल दो राज्यों में उसकी सरकार है जबकि संसद के दोनों सदनों को मिलाकर भी उसके सांसदों की संख्या 100 का आंकड़ा नहीं छू पा रही है।
मजबूत करना होगा अपना आधार

ऐसे में वक्त का तकाजा है कि राज्यों में आंख मूंदकर गठबंधन करने के बजाय कांग्रेस (Congress) पहले अपनी सिकुड़े राजनीतिक आधार को वापस हासिल करे। चिंतन शिविर (Chintan Shivir) की तैयारियों से जुड़े पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कांग्रेस की मजबूती में ही मजबूत विपक्षी गठबंधन का आधार निहित है। इसीलिए तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार से लेकर बंगाल तक में कांग्रेस को अपना आधार मजबूत करना होगा।
आधार कमजोर होने पर मंथन

चिंतन शिविर में क्षेत्रीय पार्टियों के उभार से कांग्रेस (Congress) का आधार कमजोर होने के विषय पर गहन चिंतन होगा। वैसे आम आदमी पार्टी से गठबंधन नहीं करने का दृष्टिकोण कांग्रेस (Congress) ने पहले ही तय कर लिया है। पार्टी के नए नेतृत्व के सवाल का समाधान उदयपुर में नहीं, बल्कि अध्यक्ष पद के लिए अगस्त-सितंबर में होने वाले चुनाव से होगा।

कोई कसर नहीं छोड़ेगी कांग्रेस

लेकिन चिंतन शिविर (Chintan Shivir) में पहुंच रहे करीब 430 प्रतिनिधियों और वरिष्ठ नेताओं के बीच राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को अध्यक्ष बनाने की मांग उठाने की जिस तरह तैयारी की जा रही है, उससे साफ है कि पार्टी अपनी स्वाभाविक पसंद का संदेश देने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि उदयपुर चिंतन शिविर का एजेंडा तय करने के लिए सोमवार को हुई कार्यसमिति की बैठक में दो सदस्यों ने राहुल को अध्यक्ष बनाकर राजनीतिक जंग के मैदान में उतरने की बात उठाकर इसका संकेत भी दे दिया है।

तीन दिवसीय चिंतन शिविर

कांग्रेस संगठन के साथ राजनीतिक मामलों पर तीन दिवसीय चिंतन शिविर (Chintan Shivir) में सबसे ज्यादा फोकस रहेगा। कांग्रेस की सियासी वापसी के तौर-तरीकों पर चर्चा के बाद चिंतन शिविर (Chintan Shivir) से स्पष्ट दिशा मिलने की उम्मीद जताते हुए पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि सैद्धांतिक बातों की गुंजाइश नहीं बची है। संगठन सुधारों को लागू करने के लिए त्वरित कार्यान्वयन की स्पष्ट समयसीमा तय करनी होगी। अब केवल हल्के-फुल्के दिखावटी बदलावों से बात नहीं बनने वाली।

कुछ अहम बदलाव लागू करने की शुरुआत

बेशक कांग्रेस (Congress) संगठन के ढांचागत स्वरूप में कुछ अहम बदलाव लागू करने की शुरुआत चिंतन शिविर (Chintan Shivir) के तत्काल बाद हो जाएगी। 13 से 15 मई तक चलने वाला चिंतन शिविर कांग्रेस के लिए इसलिए भी अहम है क्योंकि 2013 में जयपुर में हुई चिंतन बैठक के नौ साल बाद इसका आयोजन हो रहा है जिसमें राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को कांग्रेस (Congress) उपाध्यक्ष चुना गया था। तब कांग्रेस केंद्र की सत्ता में थी। उससे पूर्व 2003 में शिमला और 1998 में पचमढ़ी में कांग्रेस चिंतन शिविर (Chintan Shivir) बुलाया गया था।

सोनिया गांधी के संबोधन से होगी शुरुआत

13 मई को चिंतन शिविर (Chintan Shivir) की शुरुआत अध्यक्ष सोनिया गांधी के संबोधन से होगी। इसके बाद सभी छह ग्रुप के सदस्य अपने विषय के एजेंडे पर चर्चा शुरू करेंगे। 14 मई को पूरे दिन चर्चा के बाद हर समूह अपने निष्कर्षों का मसौदा तैयार करेगा। कार्यसमिति की बैठक 15 मई को सुबह साढ़े ग्यारह बजे होगी जिसमें इन मसौदा प्रस्तावों पर विचार कर मंजूरी दी जाएगी। फिर शिविर के अंतिम सत्र में राहुल गांधी का संबोधन होगा। इसके बाद कांग्रेस (Congress) उदयपुर नवसंकल्प प्रस्ताव पारित कर 2024 के रोडमैप का एलान करेगी।

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