CM नीतीश कुमार ने कहा है कि शराबबंदी को और प्रभावी बनाने के लिए एक बार फिर राज्य में जबरदस्त अभियान चलेगा। छठ पर्व के बाद 16 नवंबर को वे इसकी पूरे तौर पर समीक्षा करेंगे। CM ने शुक्रवार की शाम को एक अणे मार्ग में उच्च स्तरीय बैठक की, जिसमें शराब को लेकर हाल की घटनाओं पर सख्त नाराजगी जतायी और गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों और कर्मियों को चिह्नित कर उन पर भी सख्त कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया। CM ने निर्देश दिया कि प्रमंडल स्तर पर जनजागरूकता अभियान प्रारंभ करने की रूपरेख तैयार करें। पहले की तरह एक बार फिर से सभी लोगों को शपथ दिलानी है।
इससे पहले विधायकों के शपथ ग्रहण के बाद विधानसभा परिसर में गोपालगंज और बेतिया में हुई जहरीली शराब से मौत के संबंध में पत्रकारों द्वारा पूछे गये सवाल पर CM ने कहा कि हमलोग बार-बार कहते रहे हैं कि अगर गलत चीज को ग्रहण करियेगा तो यह नौबत आएगी। गड़बड़ करने वाले लोग प्रतिदिन पकड़े जाते हैं। छापेमारी भी हो रही है। हर प्रकार से सख्त कार्रवाई की जा रही है। इस तरह के गड़बड़ काम किसी इलाके में कोई कर रहा है तो यह बड़ी दुखद बात है।
उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू है। ऐसे में कोई अगर गड़बड़ी करता है तो यह बहुत गलत बात है। कुछ लोग अवैध शराब बनाकर गंदा काम कर रहे हैं। ऐसे लोगों पर तो कार्रवाई होती रही है और आगे भी होगी। शराबबंदी के संबंध में अधिकारियों से हमारी बातचीत होती ही रहती है। समीक्षा बैठक में CM ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि महिलाओं को फिर से प्रेरित करें ताकि गड़बड़ करने वालों की पहचान हो सके। महिलाओं की मांग पर शराबबंदी की गई है।
मुजफ्फरपुर के बाद बेतिया व गोपालगंज में जहरीली शराब से करीब दो दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है। कई बीमार अस्पतालों में भर्ती हैं। उनकी भी स्थिति नाजुक है। मुजफ्फरपुर के गन्नीपुर स्थित क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला (आरएफएसएल) के वैज्ञानिक ने बेतिया व गोपालगंज पहुंचकर जांच की। जहां से लोगों ने शराब पी थी, वहां से सैंपल जमा कर पुलिस को सौंपा है। अब पुलिस कोर्ट की अनुमति से मुजफ्फरपुर स्थित आरएफएसएल जांच के लिए भेजेगी। प्रारंभिक छानबीन में बताया गया है कि मिथाइल अल्कोहल युक्त शराब पीने से जान गई है।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि CM नीतीश कुमार कहते हैं ‘जब गड़बड़ चीज पीजियेगा तो आप चले जाइयेगा’। शराब से हुई मौत के बाद परिजनों की इन चीखों का गड़बड़ डीएनए वाली एनडीए सरकार पर कुछ फर्क नहीं पड़ता। जहरीली शराब से बिहार में दिवाली के दिन सरकार द्वारा 35 से अधिक लोग मारे गए। तेजस्वी ने कहा है कि कागजों पर शराबबंदी है अन्यथा खुली छूट है, क्योंकि ब्लैक में मौज और लूट है। शराबबंदी की ढ़ोल पीटने वालों के राज में विगत तीन दिनों में ही जहरीली शराब से 50 से अधिक मौतें हो चुकी है। मुख्यमंत्री स्वयं, प्रशासन, माफिया और तस्कर पुलिस पर कारवाई की बजाय पीने वालों को कड़ा सबक सिखाने की धमकी देते रहते है।