केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती करने के बाद आम लोगों को राहत देने के लिए एक और फैसला लिया है. उपभोक्ता एवं खाद्य मंत्रालय ने खाने के तेल की कीमतों को कम करने के लिए खाद्य तेल पर बेसिक ड्यूटी समेत कर के कुछ अन्य मदों में कटौती की है. दिवाली से एक दिन पहले पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में 5 व 10 रुपए की कटौती की गई थी. दिवाली एक दिन बाद खाद्य तेलों की बढ़ी हुई कीमतों को कम करने के लिए कदम उठाए गए हैं.
उपभोक्ता एवं खाद्य मंत्रालय के मुताबिक, कच्चे पाम तेल, कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर बेसिक ड्यूटी को 2.5 प्रतिशत घटाकर शून्य कर दिया है. मंत्रालय ने कहा कि बीते एक साल से हो रही खाद्य तेल की कीमतों में बढ़ोतरी को रोकने के लिए यह फैसला लिया गया है.
मंत्रालय ने बताया कि पाम, सोयाबीन और सूजरमुखी तेल से कृषि सेस में भी कटौती की गई है. पाम ऑयल से एग्री सेस को 20 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया गया है. वहीं कच्चे सोयाबीन और सूरजमुखी तेल पर इसे 5 प्रतिशत करने का फैसला किया गया है.
उपभोक्ता एवं खाद्य मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि खाद्य तेल की कीमतों में कमी लाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं. इसमें पाम, सूरजमुखी और सोयाबीन तेल पर आयात शुल्क में कटौती और सरसों तेल के वायदा कारोबार को निलंबित कर दिया3 गया है. साथ ही स्टॉक लिमिट भी तय कर दी गई है. इन्हीं वजहों की वजह से खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट दर्ज हुई है.
बयान में कहा गया है कि त्योहारी मौसम में उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए अडाणी विल्मर और रुचि सोया जैसी प्रमुख खाद्य तेल कंपनियों ने हाल ही में थोक कीमतों में 4 से 7 रुपए प्रति लीटर की कटौती की थी. इन फैसलों से आने वाले दिनों में खाद्य तेल की कीमतों में और कमी आएगी और लोगों को महंगाई से राहत मिलेगी.