CAA के खिलाफ हिंसा: मंगलोर में दो और लखनऊ में एक प्रदर्शनकारी की मौत, दिल्ली में अलर्ट

संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ देश भर के कई शहरों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन जारी है। गुरुवार को कई जगहों पर हिंसक विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। कर्नाटक के मंगलुरु में हिंसक हुए प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस द्वारा चलाई गई गोलियों के कारण दो लोगों की मौत हो गई। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुई प्रदर्शन के दौरान कथित रूप से पुलिस की गोली से घायल हुए एक शख्स की मौत की खबर है।

पुलिस अभी यह पुष्टि नहीं कर रही है कि मौत फायरिंग की वजह से हुई है या नहीं। मारे गए शख्स का नाम मोहम्मद वकील है। प्रदर्शनकारी युवक के पेट में गोली लगी थी। प्रदेश के DGP ओपी सिंह ने कहा, शहर में हालात सामान्य है। प्रदर्शनकारी जहां जुटे थे वहां कुछ घटनाएं सामने आई हैं। प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी की और मीडिया की गाड़ियों को फूंक दिया। पुलिस ने उन्हें हटाया, इस दौरान आंसू गैस के गोले छोड़े गए। स्थिति अब सामान्य है। पुलिस वहां तैनात कर दी गई है।

मंगलोर में दो प्रदर्शनकारियों की मौत के बाद शुक्रवार को शहर के स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। मंगलोर पुलिस कमिश्नर डॉ. हर्षा ने मौत की पुष्टि की है. मृतकों के नाम जलील (49) और नौसीन (23) है। इससे पहले पुलिस कमिश्नर ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस थाने पर हमला किया और आग लगा दी। अंत में पुलिस को भी कार्रवाई करनी पड़ी। पहले हवा में गोली चलाई गई। इसके बावजूद प्रदर्शनकारी हमले करते रहे।

हिंसा की घटनाओं और अफवाह फैलने की आशंका को देखते हुए उत्तर प्रदेश और कर्नाटक के कई जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। देशभर के अलग-अलग राज्यों में स्थिति बिगड़ने की आशंका के चलते धारा 144 लागू की गई है। दिल्ली में इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन पर लगी रोक के बावजूद सड़कों पर उतरने के चलते सैकड़ों छात्रों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और विपक्षी नेताओं को हिरासत में लिया गया, जबकि कई इलाकों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई। कई मेट्रो स्टेशनों को भी बंद कर दिया गया, जिससे शहर में यातायात प्रभावित हुआ।

खुफिया इनपुट में शुक्रवार को दोपहर बाद दिल्ली में हालात बिगड़ने के संकेत दिए गए हैं। कहा जा रहा है कि मंडल आयोग के विरोध प्रदर्शन के बाद दिल्ली में यह सबसे बड़ा प्रदर्शन का दिन हो सकता है। इसमें एक साथ दिल्ली के विभिन्न इलाकों में 40 से अधिक मोर्चे खुल सकते हैं। विरोध के दौरान तोड़फोड़, आगजनी और दंगा भड़काने के लिए इंडियन मुजाहिदीन और सिमी से जुड़े कट्टरपंथी मॉड्यूल तैयारी के साथ प्रोटेस्ट में शामिल हो चुके हैं। ये इनपुट्स खुफिया एजेंसियों ने दिल्ली पुलिस के साथ साझा किए हैं। विरोध से निपटने के लिए दिल्ली पुलिस ने दिल्ली से यूपी और हरियाणा के तमाम जिलों के कप्तान और कमिश्नर से बात कर दिल्ली में शांति बनाए रखने में मदद मांगी है।

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