केंद्रीय चुनाव आयोग ने शनिवार को चिराग पासवान(Chirag Paswan) और पशुपति पारस(Pashupati Paras) नेतृत्व वाले लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के 2 गुटों के बीच चल रहे “विवाद” के सुलझने तक लोजपा(LJP) के चुनाव चिन्ह को फ्रीज करने का फैसला किया है। चुनाव आयोग के सूत्रों ने पहले कहा था कि “निर्णय 4 अक्टूबर तक लिया जाएगा। यह शनिवार और सोमवार के बीच होग।” बिहार की दो विधानसभा उपचुनाव सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया जारी है।
दरअसल इस मामले में चुनाव निकाय 3 विकल्पों पर विचार कर रहा था…
- अंतिम निर्णय होने तक पार्टी के चुनाव चिन्ह को अंतरिम आदेश के साथ फ्रीज करना और पार्टी के दोनों गुटों को अलग-अलग प्रतीकों पर उपचुनाव लड़ने की अनुमति देना।
- लोजपा के अध्यक्ष चिराग पासवान के गुट के साथ चुनाव चिन्ह जारी रखना।
- पशुपति पारस के धड़े को लोजपा का पार्टी सिंबल देना।
Chirag Paswan ने शुक्रवार को चुनाव आयोग के कार्यालय का दौरा किया था और मांग की थी कि पार्टी का चुनाव चिन्ह उनकी पार्टी के पास बना रहे। लोजपा(LJP) के एक धड़े का नेतृत्व पार्टी अध्यक्ष पासवान कर रहे हैं, जबकि दूसरे धड़े की अगुवाई उनके चाचा और केंद्रीय कैबिनेट मंत्री पशुपति पारस कर रहे हैं।
लोजपा में यह संकट इस साल जून में शुरू हुआ जब 5 सांसद पासवान गुट छोड़ पारस के पास चले गए थे। बाद में Paras
ने खुद को पटना में पार्टी अध्यक्ष घोषित कर दिया था।